न्यूनतम दो साल का होगा डीजीपी का कार्यकाल, उसी अधिकारी की होगी नियुक्ति जिसकी सेवा अवधि छह महीने हो बची
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद पर तैनाती के लिए नयी नियमावली तैयार की है। राज्य मंत्रिमंडल ने इस पर मुहर भी लगा दी है। सरकार के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि ”कहीं दिल्ली से अपने हाथ में लगाम लेने की कोशिश तो नहीं है।” सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ”सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और और उसका कार्यकाल दो साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है I सवाल ये है कि व्यवस्था बनाने वाले ख़ुद दो साल रहेंगे या नहीं। कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है।दिल्ली बनाम लखनऊ 2.0।
सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित की जाएगी समिति
डीजीपी के चयन और नियुक्ति के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। इसमें प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ-साथ संघ लोक सेवा आयोग द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या एक नामित प्रतिनिधि, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव और राज्य के एक सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक सदस्य होंगे। नियमावली के मुताबिक, डीजीपी का कार्यकाल न्यूनतम दो साल का होगा। इस पद पर उसी अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जिसकी सेवा अवधि कम से कम छह महीने बची हो। नियमावली में यह भी प्रावधान किया गया है कि एक बार नियुक्ति के लिए चुने जाने के बाद डीजीपी को न्यूनतम दो साल का कार्यकाल जरूर दिया जाएगा।