एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है सुनवाई, अगली तारीख 28 जुलाई तय
लखनऊ,संवाददाता : विभूति खंड के कठौता झील चौराहे पर वर्ष 2021 में हुई उप प्रमुख अजीत सिंह की सनसनीखेज हत्या के मामले में अहम मोड़ आया है। इस मामले के मुख्य गवाह मोहर सिंह ने शुक्रवार को अदालत में बयान दर्ज कराते हुए न केवल हमलावरों की पहचान की, बल्कि यह भी आरोप लगाया कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने हत्याकांड की मुख्य साजिश रची और शूटरों को बुलवाया।
विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण की एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने बचाव पक्ष को गवाह से जिरह करने के लिए 28 जुलाई की अगली तारीख तय की है।
क्या है मामला?
6 जनवरी 2021 को लखनऊ के विभूति खंड क्षेत्र में कठौता झील चौराहे के पास अजीत सिंह की 25 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हमले में उनका साथी मोहर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया था। अब मोहर सिंह इस मामले में सरकारी गवाह है। फिलहाल वह गाजीपुर जेल में बंद है और सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया।
गवाही में मोहर का दावा
मोहर सिंह ने अदालत में दिए अपने बयान में कहा कि अजीत सिंह, सीपू सिंह हत्याकांड में गवाह थे, और इसी वजह से उन्हें रास्ते से हटाया गया। मोहर ने ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू, अखंड प्रताप सिंह, प्रदीप कबूतरा और पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया। उसने कहा कि धनंजय सिंह ने ही शूटरों को बुलाया और पूरा षड्यंत्र रचा गया। पुलिस विवेचना के दौरान भी धनंजय सिंह की कथित संलिप्तता सामने आई थी, जिसके बाद यह मामला एसटीएफ़ को सौंपा गया।
धनंजय सिंह को एसटीएफ़ ने दी थी क्लीन चिट
हालांकि, बाद में एसटीएफ़ द्वारा की गई विवेचना में धनंजय सिंह को क्लीन चिट दे दी गई थी। लेकिन अब मोहर सिंह के इस बयान के बाद मामले में नई बहस और कानूनी प्रक्रिया तेज हो सकती है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तारीख तय की है, जिस दिन बचाव पक्ष गवाह से जिरह करेगा। अब सबकी निगाहें इस मामले में होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं।