लखनऊ,संवाददाता : उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण और रजिस्ट्री की प्रक्रिया ऑनलाइन और पेपरलेस हो गई है, जिससे राज्य के अधिवक्ताओं में आक्रोश हैं। इस बदलाव के खिलाफ अधिवक्ताओं ने देहरादून समेत विभिन्न क्षेत्रों में कार्यबहिष्कार किया और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
नियमावली में न हुआ बदलाव तो प्रदेश भर के वकील बड़े पैमाने पर करेंगे आंदोलन
अधिवक्ताओं का कहना है कि यूसीसी लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण और रजिस्ट्री की प्रक्रिया ऑनलाइन होने से उनके कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। पहले ये सभी काम अधिवक्ता ही कराते थे, लेकिन अब लोग घर बैठे इन प्रक्रियाओं को ऑनलाइन पूरा कर रहे हैं, जिससे अधिवक्ताओं, स्टांप वेंडरों और टाइपिस्टों का रोजगार खतरे में पड़ गया है I जमीनों की रजिस्ट्री भी अब पेपरलैस होने जा रही है। वर्चुअल रजिस्ट्री प्रक्रिया से खरीददार और विक्रेता घर बैठे ही रजिस्ट्री कर सकेंगे, जिससे अधिवक्ताओं का काम खत्म हो जाएगा। विवाह और वसीयत पंजीकरण पहले अधिवक्ताओं द्वारा कराया जाता था, लेकिन अब ये प्रक्रियाएं साइबर कैफे और ऑनलाइन माध्यमों से की जा रही हैं, जिससे हमारे अधिकार छीने गए हैं।
अधिवक्ताओं में आक्रोश की हड़ताल का प्रभाव
वकीलों की हड़ताल के कारण रजिस्ट्रार कार्यालयों में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ। ऋषिकेश के शैल विहार स्थित सब रजिस्ट्रार कार्यालय में भी रजिस्ट्री का कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। लोग निराश होकर लौटते दिखे, और अन्य कार्यों के लिए आए लोग भी बिना काम के वापस चले गए। अधिवक्ताओं का कहना है कि अगर नियमावली में शीघ्र बदलाव नहीं हुआ, तो प्रदेश भर के वकील बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।