पारंपरिक हुनर और आधुनिक तकनीकों के संगम से सशक्त हो रहा प्रदेश का युवा

लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बुधवार को विश्व युवा कौशल दिवस 2025 के समापन समारोह में पारंपरिक विरासत और भविष्य की तकनीकों का अद्भुत समन्वय देखने को मिला। इस आयोजन ने प्रदेश के युवाओं के भीतर न सिर्फ आत्मविश्वास भरा, बल्कि उन्हें कौशल, करियर और कर्तव्य की दिशा में प्रेरित भी किया। समापन अवसर पर आयोजित पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि प्रदेश के कौशल विकास कार्यक्रम अब बुनाई, बढ़ईगिरी, हस्तकला जैसे पारंपरिक कौशल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन एनर्जी, ऑटोमेशन जैसी आधुनिक तकनीकों के बीच संतुलन कायम कर रहे हैं। इससे युवा आत्मनिर्भर तो बन ही रहे हैं, नवाचार के क्षेत्र में भी कदम बढ़ा रहे हैं।
उद्योग जगत और युवाओं के बीच संवाद से खुले नए रास्ते

कौशल मेले में आयोजित नियोक्ता सम्मेलन में विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के सीईओ और एचआर प्रमुखों ने युवाओं से सीधा संवाद कर उन्हें बताया कि आज उद्योगों को किस प्रकार के कौशल की आवश्यकता है। संयुक्त निदेशक मयंक गंगवार ने बताया कि यह आयोजन युवाओं के लिए न केवल प्रोत्साहन का मंच है, बल्कि उनके उज्जवल भविष्य की ओर ठोस पहल भी है।
नौकरी खोजने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें हमारे युवा” – डॉ. हरिओम

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग डॉ. हरिओम ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को न केवल पारंपरिक ज्ञान में दक्ष बना रही है, बल्कि उन्हें भविष्य की तकनीकों में भी विश्वस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के युवा केवल नौकरी चाहने वाले न बनें, बल्कि उद्यमशीलता के माध्यम से रोजगार सृजन के वाहक बनें।
DDUGKY और SSDF योजनाओं से बदल रही है युवाओं की तकदीर
मिशन निदेशक पुलकित खरे ने जानकारी दी कि दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना और राज्य कौशल विकास निधि योजना के माध्यम से युवाओं को उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी जनपदों में औद्योगिक इकाइयों को प्रशिक्षण भागीदार बनाकर स्थानीय स्तर पर ही प्रशिक्षण और रोजगार सुनिश्चित किया जा रहा है।
प्रशिक्षण से लेकर रोजगार तक—हर चरण में नवाचार

राज्य के आईटीआई संस्थानों को उन्नत बनाते हुए वहां सेंसर आधारित यंत्रों, स्मार्ट डस्टबिन, क्लैप स्विच, ऑटोमेशन सिम्युलेटर जैसे नवाचारों को शामिल किया गया है। युवाओं को सॉफ्ट स्किल्स, पर्सनालिटी डेवलपमेंट, एवं कैरियर काउंसलिंग का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खुद को साबित कर सकें।
प्रेरणास्पद कहानियों ने बढ़ाया मनोबल
कार्यक्रम के दौरान #SkillHero रील्स की स्क्रीनिंग में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रशिक्षित युवाओं की सफलताओं की कहानियाँ दिखाई गईं, जिन्होंने सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने साकार किए। ‘ट्रेनर्स स्पीक’ और ‘कौशल चौपाल’ जैसे सत्रों ने युवाओं और प्रशिक्षकों को मंच प्रदान किया, जहां उन्होंने अपने अनुभव साझा किए।
रोजगार और नवाचार की दिशा में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को मिला सम्मान

विभिन्न श्रेणियों में प्रशिक्षण संस्थानों और स्टार्टअप्स को पुरस्कृत किया गया। फूड स्टॉल में Subhwanti Social Welfare Society को प्रथम, NEDS Skills and Services Pvt. Ltd. को द्वितीय और Frontline-NCR Business Solutions Pvt. Ltd. को तृतीय पुरस्कार मिला।
उत्पाद बिक्री में यूनीवर्सल आइडियल सेवा समिति, फर्स्ट लाइन ग्लोबल सर्विसेज और साइबर एकेडमी को क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
राजकीय संस्थानों में नवाचार हेतु स्टेट स्टाफ ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर, आईटीआई लखनऊ मण्डल और उत्तर प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड को सम्मानित किया गया।
लोक कला और संस्कृति से सजी समापन संध्या
कार्यक्रम का समापन सांस्कृतिक संध्या के साथ हुआ, जिसमें प्रदेश के विभिन्न अंचलों की लोक कलाओं, नृत्य, गीत, नाटक और कविताओं के माध्यम से युवाओं ने “कुशल उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश” के स्वप्न को जीवंत कर दिया। यह आयोजन उत्तर प्रदेश के कौशल विकास की नई दिशा और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का परिचायक है, जिसमें संस्कार, समर्पण और स्मार्ट स्किलिंग के साथ युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण में सशक्त भूमिका निभाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है।