पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटाते हुए बसों में बैठाकर इको गार्डन भेजा
लखनऊ, संवाददाता : 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का आक्रोश सोमवार को फूट पड़ा। नियुक्ति में देरी से नाराज अभ्यर्थियों ने लखनऊ में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटाते हुए बसों में बैठाकर इको गार्डन मैदान तक पहुँचा दिया।
कोर्ट के आदेश के बावजूद देरी, वार्ता विफल

धरने का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच ने 13 अगस्त 2024 को सरकार को तीन महीने के भीतर नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया था। लेकिन एक साल बाद भी आदेश का पालन नहीं हुआ, जिससे नाराज होकर अभ्यर्थी सड़कों पर उतरने को मजबूर हुए हैं।शाम को अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार और बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल से मुलाकात की, लेकिन वार्ता किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची।
पुलिस से तीखी नोकझोंक, प्रदर्शनकारियों को हटाया गया
दोपहर बाद सैकड़ों अभ्यर्थी अचानक मंत्री के आवास पर पहुँच गए और नारेबाजी करने लगे। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल बुलाया गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस भी हुई। पुलिस ने धरना समाप्त कराते हुए सभी को बसों में बैठाकर इको गार्डन भेज दिया।
“सरकार टालमटोल कर रही है” – अभ्यर्थियों का आरोप

अमरेंद्र पटेल ने सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में भी गंभीरता न दिखाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि सरकार जानबूझकर सुनवाई को टाल रही है और नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरत रही।
अभ्यर्थियों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी माँग रख रहे थे, लेकिन पुलिस ने जबरन उन्हें हटाया। “हम वर्षों से इंतजार कर रहे हैं, कई की उम्र सीमा खत्म हो चुकी है। अब आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचा है,” एक अभ्यर्थी ने कहा।
भर्ती प्रक्रिया की पृष्ठभूमि
- भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2018 में शुरू हुई थी।
- सामान्य व आरक्षित वर्ग के बीच मेरिट और कटऑफ को लेकर विवाद हुआ।
- मामला कई बार अदालतों में गया और चयन सूची पर रोक लगी।
- लखनऊ हाई कोर्ट ने 2024 में आरक्षित वर्ग को तीन महीने में नियुक्ति देने का आदेश दिया, लेकिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी।
अभ्यर्थियों की प्रमुख माँगें
- हाई कोर्ट के आदेश का तत्काल अनुपालन किया जाए।
- सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले की शीघ्र सुनवाई सुनिश्चित की जाए।
- आरक्षित वर्ग के पात्र अभ्यर्थियों को तुरंत नियुक्ति पत्र दिए जाएँ।
- पूरी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाए।
सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल
अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि सरकार कोर्ट में ईमानदारी से पक्ष रखे, तो मामला शीघ्र निपट सकता है। वे अब तक कई बार मुख्यमंत्री और मंत्री से मिल चुके हैं, लेकिन ठोस कदम नहीं उठाए गए।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
धरना स्थल पर मौजूद नेताओं ने ऐलान किया है कि यदि जल्द नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा। “सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई तक हम आंदोलन को और तेज करेंगे,” अमरेंद्र पटेल ने चेतावनी दी।