अगले 30–32 वर्षों तक विभाग के लिए मूल्यवान संपत्ति साबित होंगे आरक्षी
लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा हाल ही में सम्पन्न 60,000 आरक्षियों की भर्ती प्रक्रिया को पूर्व डीजीपी ए.के. जैन ने एक ऐतिहासिक और ईमानदार पहल बताया है। उन्होंने कहा कि यह भर्ती न केवल सरकार बल्कि पुलिस विभाग के लिए भी एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है, जिससे चयनित आरक्षी अगले 30–32 वर्षों तक विभाग के लिए मूल्यवान संपत्ति साबित होंगे।
पूर्व डीजीपी ए.के. जैन यूपी पुलिस के पॉडकास्ट ‘बियॉन्ड द बैच’ शो में एसपी वृंदा शुक्ला (महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन) से संवाद कर रहे थे। उन्होंने अपने करियर, अनुभव और यूपी पुलिस की चुनौतियों पर खुलकर चर्चा की।
ददुआ एनकाउंटर का ज़िक्र
पूर्व डीजीपी ने आईजी एसटीएफ रहते हुए बुंदेलखंड के कुख्यात डकैत ददुआ के एनकाउंटर की जानकारी साझा करते हुए बताया कि उस दौरान वर्तमान एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश एसएसपी एसटीएफ थे। उनकी टीम ने लंबे समय तक ददुआ के खिलाफ ऑपरेशन चलाया। लगातार कॉम्बिंग के बाद आखिरकार रात में एनकाउंटर के ज़रिए ददुआ को ढेर किया गया।
महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर बोले
उन्होंने आगामी महाकुंभ 2025 की सुरक्षा तैयारियों को लेकर कहा कि 65 करोड़ लोगों की भीड़ को संभालने के लिए यूपी पुलिस की व्यवस्था एक रिकॉर्ड है। यह दुनिया की तमाम पुलिस फोर्स के लिए क्राउड मैनेजमेंट का आदर्श मॉडल हो सकती है।
अन्य प्रमुख चर्चाएं
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- बाल्यकाल से पुलिस सेवा में रुचि और प्रेरणा का स्रोत