दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ और ‘खतरनाक’ स्तर पर बनी रहेगी
दिल्ली ,संवाददाता : नए साल का जश्न मनाने के लिए मौसम भी तैयार होने लगा है। कश्मीर में शनिवार से 40 दिन तक चलने वाली कड़ाके की सर्दी वाली अवधि ‘चिल्लई कलां’ शुरू हो गई है। इस दौरान कश्मीर पूरी तरह से जम जाएगा, जिससे उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में भी कड़ाके की सर्दी शुरू होने के आसार हैं। क्रिसमस से लेकर नए साल तक छुट्टियों का आनंद उठाने की योजना बना रहे लोगों को मौसम के अनुसार तैयारी करनी होगी। हालांकि, इस बार क्रिसमस के दौरान हिमालय पर कम बर्फबारी की संभावना जताई गई है। दिसंबर के अंत तक ही बर्फबारी का आनंद उठाया जा सकेगा। ‘चिल्लई कलां’ की पहली रात को कश्मीर घाटी में रात का तापमान जमाव बिंदु से कई डिग्री नीचे चला गया। श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.5 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया, जो 1974 के बाद से सबसे ठंडी रात थी। मौसम केंद्र के अनुसार, 1974 में न्यूनतम तापमान शून्य से 10.3 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया था। इस क्षेत्र में अब तक का सबसे कम तापमान शून्य से 12.8 डिग्री सेल्सियस नीचे था, जो 13 दिसंबर, 1964 को दर्ज किया गया था। इस बार शिमला, कुफरी, रोहतांग पास, मनाली, कुल्लू, श्रीनगर, सिक्किम और तवांग जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर बर्फ की सफेद चादर कम देखने को मिलेगी। 27 दिसंबर को पश्चिमी हिमालय में पश्चिमी विक्षोभ के पहुंचने की संभावना है, जो 27 से 29 दिसंबर के बीच व्यापक बर्फबारी ला सकता है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, 27 दिसंबर की रात से लेकर 28 दिसंबर की सुबह तक हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान और लद्दाख में भारी बर्फबारी हो सकती है। इन इलाकों में 22 से 24 दिसंबर तक हल्की बर्फबारी का अनुमान है, साथ ही बारिश की भी संभावना जताई गई है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू, पंजाब, कच्छ और सौराष्ट्र में 24 दिसंबर तक ठंडी हवाएं चलने की संभावना है, जबकि 21 दिसंबर से इन स्थानों पर येलो अलर्ट जारी किया गया है। दिल्ली, पंजाब, असम और मेघालय सहित कई राज्यों में 25 दिसंबर तक घने कोहरे की स्थिति बनी रह सकती है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में 24 दिसंबर से पाला पड़ने की संभावना है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायुप्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ और ‘खतरनाक’ स्तर पर बनी रहेगी, और प्रदूषण का स्तर 400 के आसपास रहेगा। इससे बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी हो सकती है।