आईएनएस सूरत दुनिया के सबसे बड़े और सबसे परिष्कृत विध्वंसक युद्धपोतों में से एक है
मुंबई,संवाददाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (15 जनवरी) इंडियन आर्मी डे के मौके पर मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में नौसेना के तीन फ्रंटलाइन युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया। पीएम मोदी आज सुबह करीब 10.30 बजे मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड पहुंचे और तीन फ्रंटलाइन नौसैनिक युद्धपोतों को नौसेना को सौंपा।
आईएनएस सूरत
यह डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और समुद्री सुरक्षा में वर्ल्ड लीडर बनने के भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पी15बी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर परियोजना का चौथा और अंतिम युद्धपोत आईएनएस सूरत दुनिया के सबसे बड़े और सबसे परिष्कृत विध्वंसक युद्धपोतों में से एक है। इसमें 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है और यह अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है।
आईएनएस नीलगिरि
पी17ए स्टील्थ फ्रिगेट परियोजना का पहला युद्धपोत आईएनएस नीलगिरि, भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और इसे बढ़ी हुई क्षमता, समुद्र में लंबे समय तक रहने तथा स्टील्थयुक्त उन्नत सुविधाओं के साथ नौसेना में शामिल किया गया है, यह स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी को दर्शाता है। यह आधुनिक विमानन सुविधाओं से लैस है तथा एमएच-60 आर समेत विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टर का परिचालन कर सकता है।
आईएनएस वाघशीर पनडुब्बी
पी75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर, पनडुब्बी निर्माण में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करती है और इसका निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से किया गया है।इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “आज भारत की समुद्री विरासत नौसेना के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए भी बहुत बड़ा दिन है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना को नया सामर्थ्य और विजन दिया था। आज उनकी इस पावन धरती पर 21वीं सदी की नौसेना को सशक्त करने की तरफ हम एक बड़ा कदम उठा रहे हैं। ये पहली बार हो रहा है, जब एक डिस्ट्रॉयर, एक फ्रिगेट और एक सबमरीन को एक साथ कमीशन किया जा रहा है। गर्व की बात कि ये तीनों मेड इन इंडिया हैं।“