प्रशासन का अनुमान है कि दो सितंबर की शाम पांच से आठ बजे के बीच जलस्तर 206.50 मीटर तक पहुंच सकता है
नई दिल्ली,संवाददाता : राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और मंगलवार शाम तक इसके 206 मीटर के निकासी चिह्न को पार करने की आशंका जताई जा रही है। इसको देखते हुए प्रशासन ने यमुना के तटवर्ती और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। सोमवार दोपहर 12 बजे पुराने रेलवे पुल (ओआरबी) पर यमुना का जलस्तर 204.87 मीटर तक पहुंच गया, जो चेतावनी के निशान 204.50 मीटर को पार कर चुका है। खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है। प्रशासन का अनुमान है कि 2 सितंबर की शाम 5 से 8 बजे के बीच जलस्तर 206.50 मीटर तक पहुंच सकता है।
प्रशासन अलर्ट मोड पर
बाढ़ की चेतावनी में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे संवेदनशील इलाकों की निगरानी बढ़ाएं और वहां सुरक्षा के आवश्यक उपाय करें। चेतावनी में कहा गया है, “नदी के तटबंधों के भीतर रहने वाले लोगों को सतर्क किया जाए और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।”
हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, सोमवार सुबह 9 बजे हथिनीकुंड बैराज से 3,29,313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि वजीराबाद बैराज से लगभग 38,900 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। विशेषज्ञों के मुताबिक, हथिनीकुंड से छोड़ा गया पानी 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुंचता है, इसलिए अगले दो दिनों में जलस्तर और बढ़ सकता है।
ओआरबी – प्रमुख निगरानी बिंदु
पुराना रेलवे पुल यमुना के जलस्तर और संभावित बाढ़ के खतरे की निगरानी का एक प्रमुख बिंदु है। प्रशासन द्वारा जारी चेतावनी में साफ किया गया है कि जलस्तर के 206 मीटर पार करते ही लोगों को निकासी अभियान के तहत हटाना शुरू कर दिया जाएगा।
बारिश बनी चिंता की वजह
ऊपरी हिमालयी क्षेत्रों और जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण बैराजों से पानी छोड़ने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इससे दिल्ली में यमुना किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।