योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अफसर माने जाते हैं, अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री) के पद पर थे तैनात
लखनऊ, संवाददाता: उत्तर प्रदेश सरकार ने 1989 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल को राज्य का 56वां मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया है। सरकार द्वारा आदेश जारी होने के तुरंत बाद ही गोयल ने पदभार ग्रहण कर लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अफसर माने जाने वाले एस.पी. गोयल की नियुक्ति को प्रशासनिक हलकों में एक अहम फैसला माना जा रहा है।
मनोज कुमार सिंह को नहीं मिला सेवा विस्तार
पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को सेवा विस्तार नहीं मिलने के बाद इस पद पर बदलाव तय माना जा रहा था। उनकी सेवानिवृत्ति के साथ ही सरकार ने शशि प्रकाश गोयल के नाम पर मुहर लगा दी।लखनऊ से है गहरा नाता, शिक्षा में रहे अव्वल 1967 में जन्मे गोयल मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं। उन्होंने बीएससी (ऑनर्स),एमसीए और ईएमआईबी (IIFT) जैसी उच्च शिक्षा हासिल की है। प्रशासनिक हलकों में उन्हें एक टेक्नोक्रेट अफसर के रूप में जाना जाता है।
प्रशासनिक सफर की शुरुआत और ज़मीनी अनुभव
गोयल ने अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत इटावा में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के रूप में की थी। इसके बाद उन्होंने अलीगढ़, बहराइच, मेरठ में सीडीओ, और मथुरा, इटावा, प्रयागराज, देवरिया में जिलाधिकारी के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने शासन के ज़मीनी अनुभवों को बारीकी से आत्मसात किया।महत्वपूर्ण पदों पर तैनातीमुख्य सचिव बनने से पहले वे अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री), नागरिक उड्डयन, संपदा व प्रोटोकॉल विभाग और अपर स्थानिक आयुक्त, लखनऊ के पद पर कार्यरत थे। अब वे निम्नलिखित अतिरिक्त जिम्मेदारियाँ भी निभाएंगे: अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव, समन्वय विभाग अध्यक्ष, पिकप मुख्य कार्यपालक अधिकारी, यूपीडा व उपशा परियोजना निदेशक, यूपीडा-स्पकेंद्र व राज्य में रही प्रमुख भूमिका गोयल ने राज्य सरकार में योजना विभाग और कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग में प्रमुख पदों पर काम किया है। वहीं, केंद्र सरकार में मानव संसाधन और उच्च शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। इससे उन्हें लखनऊ और दिल्ली — दोनों की नौकरशाही का गहरा अनुभव मिला है।
योगी सरकार में सबसे भरोसेमंद चेहरा
वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद, गोयल को प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। पिछले आठ वर्षों से वे मुख्यमंत्री सचिवालय के प्रमुख रणनीतिकार रहे हैं। यही नहीं, वर्ष 2024 में जब केंद्र ने उन्हें प्रतिनियुक्ति पर बुलाया, तब भी राज्य सरकार ने उन्हें रिलीव नहीं किया यह उनकी अहमियत का प्रमाण है।
क्यों अहम है यह नियुक्ति?
मुख्य सचिव पद राज्य का शीर्ष प्रशासनिक पद होता है। यह न केवल मुख्यमंत्री का प्रधान सलाहकार होता है, बल्कि पूरे शासनतंत्र के संचालन, विभागीय समन्वय और योजनाओं के क्रियान्वयन की अंतिम जिम्मेदारी भी इसी पर होती है।
आगे की बड़ी चुनौतियाँ
शशि प्रकाश गोयल का रिटायरमेंट जनवरी 2027 में होना है। यानी वे आगामी पंचायत चुनाव, जेवर एयरपोर्ट और गंगा एक्सप्रेसवे जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स की समयबद्ध पूर्णता के लिए जिम्मेदार रहेंगे। साथ ही, 2027 विधानसभा चुनाव से पूर्व सरकारी योजनाओं की जमीनी डिलीवरी सुनिश्चित करना भी उनके सामने एक बड़ी परीक्षा होगी।