आपसी साठगांठ से भरा टेंडर, पर वर्क आर्डर जारी नहीं
केशकाल: नगर पंचायत के विभिन्न कार्यों के टेंडर में आपसी साठगांठ को लेकर पत्रिका में प्रकाशित समाचार ने एक बार फिर से प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। “आपसी साठगांठ से भरा टेंडर, पर वर्क आर्डर जारी नहीं” शीर्षक से प्रकाशित समाचार में टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं और शासन को हो रही आर्थिक क्षति पर गंभीर सवाल उठाए गए थे। हालांकि, शासन और नगरीय प्रशासन ने इस मामले पर गंभीरता से कोई कदम नहीं उठाया, लेकिन संबंधित अधिकारी और ठेकेदारों में हड़बड़ी जरूर मच गई है, और मामले को दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में सोमवार को नगर पंचायत के अधिकारियों और शिकायतकर्ता पार्षदों की एक बंद कमरे में बैठक हुई। इस बैठक में शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने की कोशिश की गई। हालांकि, दो पार्षद—अनिल उसेंडी और राजा बांदे—इस सुलह समझौते को नहीं माने, जबकि बाकी शिकायतकर्ता पार्षद शिकायत वापस लेने के लिए तैयार हो गए।
ज्ञात हो कि, 17 अक्टूबर 2024 को नगर पंचायत केशकाल ने अधोसंरचना मद से संबंधित कामों के लिए टेंडर जारी किया था। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि, इस टेंडर में ठेकेदारों से आपसी सांठगांठ की गई थी और उनसे कमीशन लिया गया था। इसके बाद, ठेकेदारों को शासन के बिलो की बजाय एबब दर पर टेंडर भरने की छूट दे दी गई। इस प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि सभी टेंडर एक ही दिन पोस्ट आफिस से भेजे गए थे। शिकायतकर्ताओं ने यह भी सवाल उठाया कि, जब निर्माण सामग्री के दाम 20% घट गए थे, तो ठेकेदारों ने अधिक दर पर टेंडर क्यों भरा? यह स्पष्ट रूप से एक अनियमितता प्रतीत होती है। इसके बावजूद, टेंडर में दर स्वीकृत करने वाले अधिकारी ने किसी प्रकार की आपत्ति नहीं की, जबकि उन्हें शासन हित का ध्यान रखना चाहिए था। नगरीय प्रशासन और जिला प्रशासन की ओर से इस मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, और यह मामला जैसे-तैसे दबाने की कोशिश की जा रही है। स्थानीय नागरिकों और नेताओं ने इस मुद्दे पर प्रशासन से तुरंत जांच कराने की मांग की है, ताकि शासन को हो रही आर्थिक क्षति की भरपाई हो सके और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सके।