डीजीपी को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल गठित करने का निर्देश दिया
दिल्ली,संवाददाता : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को अंतरिम जमानत दे दी। जमानत देने के साथ ही कोर्ट ने प्रोफेसर को फटकार भी लगाई है। अली खान को भारतीय सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों का कथित तौर पर अपमान करने और सांप्रदायिक विद्वेष को बढ़ावा देने वाली उनकी टिप्पणियों के लिए गिरफ्तार किया गया था। शीर्ष अदालत ने प्रोफेसर के सोशल मीडिया पोस्ट को डॉग व्हिसलिंग कहा। हालांकि, बेंच ने जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और हरियाणा के डीजीपी को 3 सदस्यीय विशेष जांच दल गठित करने का निर्देश दिया।
दो एफआईआर दर्ज होने के बाद हुए गिरफ्तार
ऑपरेशन सिंदूर पर सोशल मीडिया पोस्ट के लिए संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने सहित कड़े आरोपों के तहत दो एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद महमूदाबाद को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 18 मई को सोनीपत की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया और एक दिन पहले हरियाणा राज्य महिला आयोग (HSCW) की शिकायत पर दर्ज मामले में दो दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
HSCW ने भेजा नोटिस, टिप्पणियों पर सवाल उठाए
हाल ही में हरियाणा राज्य महिला आयोग (HSCW) ने उन्हें एक नोटिस भेजकर उनकी टिप्पणियों पर सवाल उठाए। हालांकि महमूदाबाद ने कहा कि उन्हें गलत समझा गया और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उनके मौलिक अधिकार को रेखांकित करता है। हरियाणा पुलिस ने कहा कि सोनीपत के राई पुलिस स्टेशन में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। एक हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत और दूसरी एक गांव के सरपंच ने शिकायत दर्ज कराई।