उल्लंघन करने पर तीन से आठ साल की सजा और तीन लाख से पांच लाख तक हो सकता है जुर्माना
असम,संवाददाता : मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को राज्यव्यापी प्रतिबंध की घोषणा की, जिसके तहत अब राज्य के रेस्तरां, होटलों और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस परोसने और खाने पर रोक लगाई जाएगी। यह निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया, जिसमें गोमांस की खपत पर मौजूदा कानून में संशोधन कर नए प्रावधान जोड़े गए हैं। असम में गोमांस का सेवन अवैध नहीं है, लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 के तहत मवेशियों के परिवहन, वध और गोमांस तथा गोमांस उत्पादों की बिक्री को नियंत्रित किया जाता है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, “हमने पहले असम में गायों की रक्षा के लिए एक विधेयक पेश किया था और हम सफल रहे हैं।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि राज्य के किसी भी होटल या रेस्तरां में अब गोमांस नहीं परोसा जाएगा, और इसे सार्वजनिक समारोहों या सार्वजनिक स्थानों पर भी परोसा नहीं जाएगा।
इस कानून के तहत, मवेशियों के वध और गोमांस की बिक्री पर उन क्षेत्रों में प्रतिबंध है, जहां हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक हैं और जो मंदिर या सत्र (वैष्णव मठ) के पांच किलोमीटर के दायरे में आते हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पहले यह प्रतिबंध केवल मंदिरों के आसपास के क्षेत्रों तक सीमित था, लेकिन अब इसे राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा। विपक्षी दल, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रमुख मुद्दों से ध्यान भटका रही है। एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा, “राज्य सरकार विकास कार्यों में विफल रही है, बेरोजगारी और शिक्षा-स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी समस्याएं हैं। वे ऐसे फैसलों के जरिए लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।”