सत्ता संघर्ष चरम पर है और यह संकट सियासी अस्थिरता को और बढ़ा सकता है
ढाका,संवाददाता : बांग्लादेश में सियासी हालात गंभीर होते जा रहे हैं। विपक्षी दलों के साथ-साथ शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग भी जल्द चुनाव कराने की मांग कर रही है, लेकिन अब पार्टी के चुनाव लड़ने पर ही सवाल उठने लगे हैं। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के करीबी सहयोगी महफूज आलम ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि शेख हसीना की पार्टी को आगामी चुनावों में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उनका कहना था कि चुनाव सिर्फ बांग्लादेश समर्थक पार्टियों के बीच ही होगा। महफूज आलम की पार्टी ने 2024 में बांग्लादेश में जन-विद्रोह का नेतृत्व किया था, जिसके चलते शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और उन्हें देश छोड़ना पड़ा। आलम ने कहा, “कुछ पार्टियां चुनाव में हिस्सा लेंगी, जैसे बांग्लादेश नेशनिस्ट पार्टी और जमात-ए-इस्लाम, लेकिन शेख हसीना की पार्टी को चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।” उन्होंने चुनावों में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया, और कहा कि जब तक सुधार नहीं होते, तब तक कोई चुनाव नहीं होगा। वहीं, आवामी लीग के कुछ नेताओं ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि कानून का राज स्थापित होने के बाद ही वे बांग्लादेश में वापसी करेंगे। फिलहाल, वे अपनी सुरक्षा के लिए देश से बाहर या छिपकर रह रहे हैं। आवामी लीग के नेता आजादुज्जमा खान कमाल ने कहा कि बांग्लादेश के हालात तभी सुधर सकते हैं जब मोहम्मद यूनुस पद छोड़ देंगे, क्योंकि यूनुस और कट्टरपंथी संगठनों का ही हाथ था शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट में।