यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं व्यापक सुधार कार्य
भोपाल,संवाददाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार, 23 मई को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देशभर के 103 रेलवे स्टेशनों का वर्चुअली उद्घाटन करेंगे। इनमें मध्यप्रदेश के 6 स्टेशन शामिल हैं— नर्मदापुरम, श्रीधाम, कटनी साउथ, सिवनी, शाजापुर और ओरछा। प्रधानमंत्री राजस्थान के बीकानेर जिले के पलाना गांव से इस वर्चुअल लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होंगे। इससे पहले वे सुबह 10:30 बजे करणी माता मंदिर के दर्शन करेंगे और देशनोक रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।
एमपी के छह स्टेशनों में हुआ कायाकल्प
मध्यप्रदेश के जिन स्टेशनों का उद्घाटन किया जाएगा, वहां यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए व्यापक सुधार कार्य किए गए हैं:
नर्मदापुरम स्टेशन
- भव्य प्रवेश द्वार
- आधुनिक प्रतीक्षालय
- दिव्यांगजन अनुकूल रैंप और शौचालय
- दोनों ओर प्लेटफॉर्म पर कवर शेड
- टिकट काउंटर का आधुनिकीकरण
- महाराणा प्रताप की प्रतिमा
कटनी साउथ व श्रीधाम स्टेशन
- सर्कुलेटिंग एरिया का सौंदर्यीकरण
- डिस्प्ले बोर्ड, CCTV कैमरे
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष रैंप
- लाइटिंग और मिनी पार्क की सुविधा
- साइकिल स्टैंड और डोम निर्माण
शाजापुर स्टेशन
- प्लेटफॉर्मों का पुनर्निर्माण
- नया फुट ओवरब्रिज
- 224 मीटर का प्लेटफॉर्म शेड
- सुव्यवस्थित टिकट काउंटर
- आधुनिक प्रतीक्षालय
ओरछा स्टेशन
- रामराजा सरकार मंदिर की थीम पर आधारित डिज़ाइन
- रामायण के दृश्य बाउंड्री वॉल पर अंकित
- श्रीराम व हनुमान की मूर्तियाँ
- यात्री प्रतीक्षालय का आधुनिकीकरण
- तीन मीटर चौड़ा एफओबी
- पार्किंग स्थल व एटीवीएम सुविधा
सीएम डॉ. मोहन यादव का दौरा कार्यक्रम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार को नर्मदापुरम जिले में आयोजित रेलवे स्टेशन लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होंगे।
- सुबह 10:30 बजे नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन पर कार्यक्रम
- सिवनी-मालवा में ₹97.07 करोड़ के कार्यों का लोकार्पण एवं ₹102.94 करोड़ के कार्यों का भूमिपूजन
- तिरंगा यात्रा में सहभागिता
- कुसुम महाविद्यालय में प्रबुद्धजनों से संवाद
अमृत भारत स्टेशन योजना का उद्देश्य
योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के रेलवे स्टेशनों को आधुनिक, सुविधाजनक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाना है। इसके अंतर्गत न केवल संरचनात्मक विकास किया गया है, बल्कि स्थानीय कला, संस्कृति और विरासत को भी प्रमुखता दी गई है।