नड्डा का हमला, आज भी कांग्रेस में कायम है तानाशाही सोच
नई दिल्ली, संवाददाता : भारत में आपातकाल लागू किए जाने की 50वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई शीर्ष भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। नेताओं ने 25 जून 1975 को देश के लोकतंत्र का “सबसे काला अध्याय” बताया और इसे संविधान हत्या दिवस के रूप में याद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“25 जून 1975 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने संविधान के मूल मूल्यों को कुचल दिया था। यह दिन उस काले अध्याय की याद दिलाता है जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की आज़ादी और नागरिक अधिकारों को छीन लिया गया था।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को “कैद” कर लिया था और हजारों राजनीतिक कार्यकर्ताओं, छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों को बिना कारण जेल में डाल दिया गया था। प्रधानमंत्री ने जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी सहित उन तमाम लोकतंत्र सेनानियों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने तानाशाही के विरुद्ध संघर्ष किया।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा:
“1975 में इंदिरा गांधी की सरकार ने केवल संविधान नहीं कुचला, बल्कि न्यायपालिका और संसद को भी निष्क्रिय कर दिया। यह लोकतंत्र की आत्मा पर हमला था।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आज भी कांग्रेस उसी तानाशाही मानसिकता के साथ जी रही है। नड्डा ने यह भी कहा कि तत्कालीन सरकार ने प्रेस की आवाज को दबाने के लिए बिजली काट दी थी और धारा 352 का दुरुपयोग कर विपक्ष को जेल में डाल दिया गया था।
भाजपा ने इस दिन को “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाया और देशभर में बूथ स्तर तक कार्यक्रम आयोजित किए। पार्टी के अनुसार, यह जनता को आपातकाल की भयावहता से अवगत कराने का एक प्रयास है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज शाम को ‘The Emergency Diaries – Years That Forged a Leader’ नामक पुस्तक का विमोचन करेंगे। इस पुस्तक में पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा द्वारा लिखी गई प्रस्तावना शामिल है और यह प्रधानमंत्री मोदी की आपातकाल के दौरान की भूमिगत भूमिका पर प्रकाश डालती है, जब वे आरएसएस के युवा प्रचारक के रूप में सक्रिय थे।