कोर्ट ने कहा, पुनर्निर्धारित 21 अगस्त को परीक्षा आयोजित करने के निर्णय में इस स्तर पर हस्तक्षेप से पूरी तरह अराजकता फैल जाएगी
नई दिल्लीः विश्वविद्यालय अनुदान आयोग- राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी-नेट) 2024 को रद्द करने के केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ दायर जनहित याचिका को ख़ारिज कर दिया गया। उच्चतम न्यायालय ने यह कहते हुए सोमवार को याचिका खारिज कर दी कि पुनर्निर्धारित 21 अगस्त को परीक्षा आयोजित करने के निर्णय में इस स्तर पर हस्तक्षेप करने से पूरी तरह अराजकता फैल जाएगी।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने परवीन डबास और अन्य की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि परीक्षाएं तय तिथि के अनुसार होनी चाहिए। पीठ ने कहा, “हम एक आदर्श दुनिया में नहीं हैं। परीक्षाएं 21 अगस्त को होने दें। विद्यार्थियों के लिए निश्चितता होनी चाहिए।” पीठ ने कहा, “वर्तमान स्थिति में याचिकाकर्ताओं ने सरकार के निर्णय को चुनौती दी है। लगभग दो महीने बीत चुके हैं। याचिका पर विचार करने से अनिश्चितता बढ़ेगी और परिणामतः घोर अराजकता होगी।” जो किसी भी तरह से ठीक नहीं होगा।