पहलगाम हमले के बाद और सख्त हुई कूटनीति
श्रीनगर,संवाददाता : देर रात नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान ने एक बार फिर उकसावे की कार्रवाई को अंजाम दिया। पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार को एलओसी के कुछ हिस्सों में छोटे हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग की, जिसका भारतीय सेना ने तत्परता से और मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया, “पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई गोलीबारी का हमने प्रभावी ढंग से जवाब दिया। इस घटना में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है।”
पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव
यह घटना ऐसे समय पर हुई है, जब हाल ही में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इस हमले ने पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ा दी थी और पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदमों की मांग तेज हो गई थी।
भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर भी दिखाया कड़ा रुख
हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक स्तर पर सख्त फैसले लिए हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ऐलान किया कि:
- नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।
- इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से भी भारत अपने सभी सैन्य सलाहकारों को वापस बुलाएगा।
- दोनों देशों के उच्चायोगों में सेवा सहायकों की संख्या भी कम की जाएगी।
- अटारी एकीकृत जांच चौकी (ICP) को बंद कर दिया गया है।
- SAARC वीजा छूट योजना (SVES) पाकिस्तानी नागरिकों के लिए निलंबित कर दी गई है।
- सिंधु जल संधि को भी निलंबित करने का निर्णय लिया गया है।
सेना की सख्त चेतावनी: सीमा पर बर्दाश्त नहीं होगी कोई हरकत
एलओसी पर पाक की इस ताजा गोलीबारी को भारत ने बेहद गंभीरता से लिया है। सेना ने स्पष्ट किया है कि सीमा पर कोई भी नापाक हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी और हर कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
देश कर रहा है सरकार के रुख का समर्थन
जनता और राजनीतिक विश्लेषक सरकार के इन कूटनीतिक व सैन्य निर्णयों को देशहित में एक मजबूत कदम मान रहे हैं। देश अब इन घटनाक्रमों के अगले चरण पर नज़र बनाए हुए है कि पाकिस्तान को और कैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घेरा जाएगा।