भारत की जीडीपी वृद्धि 6.3-6.8% रहने की उम्मीद
नई दिल्ली,संवाददाता : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सर्वेक्षण में भारत की वित्त वर्ष 2026 के लिए जीडीपी वृद्धि 6.3-6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। इस बार का सर्वेक्षण पिछले सर्वेक्षण से छह महीने बाद पेश किया गया। वित्त मंत्री ने बताया कि 2024-25 में शिक्षा को देश की प्रगति के आठ प्रमुख स्तंभों में से एक मानते हुए ‘भारत को वैश्विक ज्ञान की महाशक्ति’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, सरकार ने महंगाई को काबू में बताते हुए श्रमिकों का औसत वेतन कम होने की जानकारी भी दी। सर्वेक्षण में युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई गई है।
सर्वेक्षण की प्रमुख बातें:
- भारत की आर्थिक वृद्धि: 2026 तक भारत की जीडीपी वृद्धि 6.3-6.8% रहने की संभावना है।
- महंगाई नियंत्रण में: वित्त वर्ष 2025 में महंगाई दर 4.9% से घटकर 4% के करीब पहुंचने का अनुमान।
- श्रमिकों का वेतन घटा: 2023-24 में पुरुष स्व-नियोजित श्रमिकों का मासिक वेतन 9.1% घटकर 8,591 रुपये, महिला स्व-नियोजित श्रमिकों का वेतन 32% घटकर 2,950 रुपये हुआ।
- कृषि क्षेत्र की स्थिति: 2024 के खरीफ सीजन में खाद्यान्न उत्पादन 1647.05 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान।
- शिक्षा में सुधार: सरकार ने ‘टीचर्सऐप’ डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू किया है, जिसमें 21वीं सदी की मांगों के अनुरूप शिक्षक प्रशिक्षण और छात्र शिक्षण के लिए एआई का उपयोग करने पर जोर दिया गया है।
- बैंकों का एनपीए कम: सितंबर 2024 में बैंकों का एनपीए 12 वर्षों के निचले स्तर 2.6% पर आ गया है।
आर्थिक विकास के लिए सुझाव:
- एमएसएमई के लिए सुधार: सरकार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए सुधार लागू करने की जरूरत है।
- नियामक बोझ कम करना: व्यवसायों को अधिक कुशल बनाने और लागत घटाने के लिए नियामक बोझ कम करना जरूरी है।
महत्वपूर्ण मुद्दे:
- ‘मेक इन इंडिया’ से ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’: राष्ट्रपति मुर्मु ने इस परिवर्तन को भारत के रोजगार और निवेश के अवसरों को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बताया।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: ‘इंडिया एआई मिशन’ की शुरुआत के साथ भारत ने एआई और डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है।
- भारत की छवि: आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और मजबूत नीति से भारत की वैश्विक छवि में सुधार हुआ है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और नए रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं।
भारत की स्थिति में सुधार:
आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी उल्लेख किया गया कि भारत का सर्विस निर्यात सातवें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि महंगाई दर नियंत्रण में है। खेती-किसानी के क्षेत्र में भी सुधार हो रहे हैं और पीएम किसान योजना के तहत करोड़ों किसानों को लाभ हो रहा है। यह सर्वेक्षण भारत की आर्थिक स्थिति में सकारात्मक संकेत दे रहा है, जो आगामी बजट के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश पेश करता है।