डॉ. कुरियन के योगदान को मानते हुए गुजरात में मनाई जा रही है उनकी जन्मशताब्दी
दिल्ली,संवाददाता : मोदी सरकार अब देश में ओला और उबर जैसी टैक्सी सर्विस को सहकारिता मॉडल पर लाने जा रही है। इस पहल के तहत, दूरदराज के क्षेत्रों में बाइक, रिक्शा और कार मालिक रजिस्ट्रेशन कराकर इस सर्विस से जुड़ सकेंगे। इस कदम से जहां रोजगार बढ़ेगा, वहीं जनता को सस्ते रेट पर सफर की सुविधा भी मिल सकेगी। इसके अलावा, सहकारिता मंत्रालय देश की सबसे बड़ी सहकारिता इंश्योरेंस कंपनी खोलने की योजना भी बना रहा है।
गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में इस योजना का ऐलान किया। शाह ने त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि सहकारिता मंत्रालय का यह आगामी कदम भारतीय सहकारिता व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण होगा। चर्चा के बाद बिल को पास कर दिया गया। अमित शाह ने कहा कि आने वाले कुछ ही समय में सहकारिता बेसिस पर टैक्सी सर्विस की शुरुआत होगी, जो ओला-उबर जैसी निजी कंपनियों की तरह काम करेगी। लेकिन इस सर्विस का सबसे बड़ा फर्क यह होगा कि इसका मुनाफा किसी बड़े व्यापारी के हाथ में नहीं जाएगा, बल्कि वह सीधे ड्राइवर के पास जाएगा। इस मॉडल में बाइक, कार और रिक्शा भी रजिस्ट्रेशन के तहत शामिल होंगे।
शाह ने कहा, “‘सहकार से समृद्धि’ सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि इसे जमीन पर उतारने के लिए पिछले साढ़े तीन साल में सहकारिता मंत्रालय ने कड़ी मेहनत की है।” इस दौरान, टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने सहकारी विश्वविद्यालय का नाम त्रिभुवन पटेल के नाम पर रखने पर सवाल उठाया, और कहा कि सहकारिता के लिए डॉ. कुरियन का भी योगदान अहम है। इस पर अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा, “भारत में सहकारिता की नींव रखने वाले और अमूल की स्थापना करने वाले त्रिभुवन पटेल ही थे, और डॉ. कुरियन को जॉब देने वाले भी वही थे।” शाह ने यह भी कहा कि डॉ. कुरियन के योगदान को मानते हुए उनकी जन्मशताब्दी गुजरात में मनाई जा रही है, जबकि विपक्षी शासित राज्यों में उन्हें याद नहीं किया जा रहा है।