आरएसएसडीआई यूपी शाखा ने “यूपी फर्स्ट कैंपेन” के तहत लगाया चार दिवसीय स्वास्थ्य शिविर

लखनऊ,संवाददाता : मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों के लिए राहत भरी पहल करते हुए रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआई) की उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा लोहिया पार्क चौक पर चार दिवसीय स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया गया। यह आयोजन “यूपी फर्स्ट कैंपेन” के अंतर्गत प्रदेश में जन-जागरूकता और मुफ्त स्वास्थ्य जांच की श्रृंखला का हिस्सा है। शिविर का उद्घाटन एरा यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. डॉ. अब्बास अली मेहदी ने बतौर मुख्य अतिथि किया, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में पार्षद श्री अनुराग मिश्रा उपस्थित रहे। उद्घाटन दिवस पर बड़ी संख्या में नागरिकों ने निःशुल्क ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की जांच करवाई।
10×10 बीपी चैलेंज के माध्यम से हो रही व्यापक स्क्रीनिंग
आरएसएसडीआई यूपी चैप्टर के सचिव डॉ. अजय तिवारी ने बताया कि इस शिविर में “10×10 बीपी चैलेंज” के माध्यम से मधुमेह रोगियों में उच्च रक्तचाप की व्यापक स्क्रीनिंग की जा रही है। यह एक राष्ट्रीय स्तर की पहल है, जिसके तहत अब तक 1.5 लाख से अधिक मरीजों की जांच की जा चुकी है।
जनभागीदारी से जागरूकता को मिल रहा बल
कार्यक्रम के अध्यक्ष और आरएसएसडीआई यूपी के नव-निर्वाचित प्रमुख प्रो. अनुज माहेश्वरी ने आमजन से शिविर का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की। मौके पर मौजूद वरिष्ठ चिकित्सकों ने न केवल जांच की, बल्कि लोगों को डायबिटीज और बीपी के संयोजन के खतरों और बचाव के उपायों पर जानकारी दी।
सही तरीके से ब्लड प्रेशर जांच पर दिया गया जोर
प्रो. नरसिंह वर्मा (चेयरमैन, आरएसएसडीआई यूपी चैप्टर) ने कहा कि ब्लड प्रेशर की सटीक जांच के लिए सावधानियों का पालन जरूरी है, जैसे व्यायाम के तुरंत बाद, मानसिक तनाव या बुखार की स्थिति में बीपी मापने से बचना चाहिए। वहीं, डॉक्टर अजय तिवारी ने डायबिटीज और बीपी के संबंध को “करेला नीम चढ़ा” बताते हुए कहा कि इंटरमीडिएट हाइपरग्लाइसीमिया की अवस्था में भी बीपी पर नजर रखना जरूरी है।
वरिष्ठ चिकित्सकों ने दिए उपयोगी सुझाव
शिविर में डॉक्टर मनोज श्रीवास्तव, डॉ. राजीव खन्ना, डॉ. राकेश श्रीवास्तव, डॉ. तृप्ति बंसल, डॉ. जे के बंसल, डॉ. साजिद अंसारी और डॉ. जैदी ने लोगों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
मॉर्निंग वॉकर्स का सहयोग, नागरिकों ने सराहा
इस आयोजन में चौक मॉर्निंग वॉकर्स एसोसिएशन ने भी अहम भूमिका निभाई। क्षेत्रीय नागरिकों ने कार्यक्रम को समय की मांग बताते हुए आरएसएसडीआई की पहल की सराहना की और उम्मीद जताई कि ऐसे आयोजन स्वास्थ्य के प्रति लोगों को गंभीर बनाएंगे।