योजना में बड़ा फेरबदल संभव, 26 लाख लाभार्थियों की पात्रता जांच शुरू
मुंबई,संवाददाता : महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना’ को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। राज्य सरकार ने योजना के तहत पंजीकृत लगभग 26 लाख लाभार्थियों की पात्रता की जांच शुरू कर दी है। यदि इन लाभार्थियों को योजना के मापदंडों पर खरा नहीं पाया गया, तो उनके आवेदन रद्द कर दिए जाएंगे। इससे लाखों महिलाएं योजना के लाभ से वंचित हो सकती हैं।
14वीं किस्त पर भी संकट
सूत्रों के मुताबिक, जिन 26 लाख लाभार्थियों की सत्यापन प्रक्रिया चल रही है, उन्हें अगस्त महीने की 14वीं किस्त मिलना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, इस पर सरकार की ओर से अब तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है।
मंत्री अदिति तटकरे ने क्या कहा?
राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया कि यह जांच सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से प्राप्त प्राथमिक जानकारी के आधार पर की जा रही है। उन्होंने कहा: इन 26 लाख लाभार्थियों की जानकारी जिला प्रशासन को फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए भेजी गई है। अब आंगनवाड़ी सेविकाएं घर-घर जाकर सत्यापन कर रही हैं। जांच के बाद जो महिलाएं पात्र नहीं पाई जाएंगी, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं जो पात्र हैं, उन्हें योजना का लाभ पहले की तरह मिलता रहेगा।
क्या है ‘माझी लाडकी बहिण योजना’?
इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाना है। लेकिन हाल के दिनों में कई फर्जीवाड़े सामने आने के बाद सरकार ने योजना की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए संदिग्ध लाभार्थियों की जांच शुरू कर दी है।
योजना के पात्रता मानदंड
- महिला की आयु 21 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- महिला महाराष्ट्र की निवासी होनी चाहिए।
- महिला या उसके परिवार की सालाना आय 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए।
- महिला किसी अन्य सरकारी योजना से लाभान्वित न हो रही हो।
- परिवार के पास ट्रैक्टर को छोड़कर कोई चार पहिया वाहन नहीं होना चाहिए।
- एक परिवार से अधिकतम दो महिलाओं को ही योजना का लाभ मिलेगा।
सरकार का संदेश साफ
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के नेतृत्व में सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि योजना का लाभ सही और पात्र महिलाओं तक ही पहुंचे। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि फर्जी लाभार्थियों की घर-घर जांच कर तथ्यों के आधार पर निर्णय लिया जाए।