केंद्र सरकार ने दस मार्च को की थी बागची की उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति की घोषणा
दिल्ली,संवाददाता : न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने उन्हें अन्य सभी न्यायाधीशों की मौजूदगी में शपथ दिलाई।
न्यायमूर्ति बागची के शपथ ग्रहण के साथ ही उच्चतम न्यायालय में स्वीकृत 34 न्यायाधीशों के मुकाबले न्यायाधीशों की संख्या 33 हो गई है। न्यायमूर्ति बागची 2 अक्टूबर 2031 को सेवानिवृत्त होंगे, और उनसे पहले वह मई 2031 में भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाल सकते हैं।
न्यायमूर्ति बागची की नियुक्ति की सिफारिश न्यायमूर्ति खन्ना के नेतृत्व में न्यायमूर्ति भूषण आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्य कांत, न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ के कॉलेजियम ने 6 मार्च को की थी। कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति बागची की योग्यता, ईमानदारी, न्यायिक क्षमता और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए यह सिफारिश की। न्यायमूर्ति बागची को कलकत्ता उच्च न्यायालय में 13 वर्षों का व्यापक अनुभव प्राप्त है। उन्हें जून 2011 में कलकत्ता उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। जनवरी 2021 में उनका स्थानांतरण आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय किया गया था और नवंबर 2021 में वे फिर से कलकत्ता उच्च न्यायालय में वापस लौटे।