2010 में आर्थिक गड़बडि़यों के मामलों में फंसने के बाद भारत छोड़कर भाग गए थे
नई दिल्ली,संवाददाता : भारतीय प्रीमियर लीग (आईपीएल) के संस्थापक ललित मोदी, जो 2010 में आर्थिक गड़बडि़यों के मामलों में फंसने के बाद भारत छोड़कर भाग गए थे, ने भारतीय नागरिकता छोड़ने का आवेदन किया है। अब उन्होंने वानुआतु नामक छोटे से देश की नागरिकता प्राप्त कर ली है। यह देश दक्षिण प्रशांत महासागर में ऑस्ट्रेलिया के पास स्थित है, और इसकी आबादी लगभग तीन लाख है।
वानुआतु एक ऐसा देश है, जो अपनी नागरिकता पैसे लेकर बेचता है। यहां की नागरिकता सिटीजनशिप बाय इन्वेस्टमेंट (सीबीआई) और गोल्डन पासपोर्ट प्रोग्राम के तहत प्राप्त की जा सकती है। 2019 की बीबीसी रिपोर्ट के अनुसार, वानुआतु की कुल कमाई का करीब 30% हिस्सा सिर्फ पासपोर्ट बेचने से आता है। नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया बहुत सरल और तेज है, जिसमें 30 से 60 दिनों के अंदर नागरिकता मिल जाती है। इसके लिए लगभग सवा करोड़ रुपए का खर्च आता है।
वानुआतु की नागरिकता लेने के बाद, यहां के पासपोर्ट धारक 113 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। हैनली पासपोर्ट इंडेक्स में वानुआतु की वैश्विक रैंकिंग 51वें स्थान पर है, जबकि भारत की रैंकिंग 85वें स्थान पर है। इसके अलावा, वानुआतु को टैक्स हेवन भी कहा जाता है, क्योंकि यहां टैक्स बहुत कम है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं के तहत जांच की जाएगी। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारत सरकार कानून के तहत ललित मोदी के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगी।