साइबर सुरक्षा एजेंसी ने इस मामले में कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया है
वॉशिंगटन : पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बार फिर साइबर खतरे का सामना करना पड़ रहा है। इस बार यह धमकी सीधे ईरान के कथित हैकर्स की ओर से आई है, जिन्होंने ट्रंप और उनके सहयोगियों के पुराने ईमेल लीक करने की चेतावनी दी है।
जानकारी के अनुसार, हैकर्स ने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप के कई करीबी सहयोगियों के ईमेल हैक कर लिए थे। उस समय कुछ अंश मीडिया में लीक भी हुए थे। अब, हैकर्स का दावा है कि उनके पास लगभग 100 गीगाबाइट ईमेल डेटा मौजूद है, जिसे वे या तो सार्वजनिक करेंगे या बेच सकते हैं।
किनके ईमेल हैं निशाने पर?
हैकर्स ने बताया कि जिन ईमेल तक उनकी पहुंच है, उनमें निम्नलिखित प्रमुख नाम शामिल हैं:
- व्हाइट हाउस की पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ सूजी विल्स
- ट्रंप के वकील लिंडसे हॉलिगन
- वरिष्ठ सलाहकार रोजर स्टोन
- और पूर्व पोर्न स्टार व ट्रंप की आलोचक स्टॉर्मी डेनियल्स से जुड़े डेटा
रायटर्स को रविवार और सोमवार को दी गई ऑनलाइन चैट में हैकर्स ने कहा कि वे इन ईमेल्स को बेचने की योजना पर भी विचार कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे इसे किस उद्देश्य से लीक करेंगे और कब तक ऐसा कर सकते हैं। अमेरिकी साइबर सुरक्षा एजेंसी CISA ने अब तक इस मामले में कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, FBI और व्हाइट हाउस ने इस विषय पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। FBI के निदेशक काश पटेल ने संक्षिप्त बयान में कहा कि एजेंसी मामले की गहन जांच कर रही है।