सीबी-सीआईडी के अनुसार यह गिरोह तमिलनाडु और तेलंगाना में सक्रिय था
चेन्नई,संवाददाता : तमिलनाडु अपराध शाखा (सीबी-सीआईडी) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करते हुए इरीडियम कॉपर घोटाले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी खुद को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का अधिकारी बताकर आम जनता से करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे थे।
क्या है मामला
सीबी-सीआईडी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, यह गिरोह तमिलनाडु और तेलंगाना में सक्रिय था और इन्होंने कथित रूप से यह दावा किया कि इरीडियम तांबे की बिक्री के बदले केंद्र सरकार को RBI के जरिए हजारों करोड़ रुपये मिले हैं। उन्होंने लोगों से यह कहकर पैसे ऐंठे कि सरकार को यह रकम जारी करने के लिए सेवा शुल्क और कमीशन की आवश्यकता है।
जाली RBI बॉन्ड और करोड़ों के रिटर्न का झांसा
आरोपियों ने नकली RBI बॉन्ड और जाली दस्तावेज़ दिखाकर निवेशकों को भरोसा दिलाया कि उन्हें करोड़ों रुपये का रिटर्न मिलेगा। पीड़ितों को फंसाने के लिए आरोपी खुद को RBI अधिकारी बताकर दिल्ली और मुंबई के हाई-प्रोफाइल होटलों में मुलाकात करते थे।
शिकायत और जांच की शुरुआत
घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ जब फरवरी 2024 में एक व्यक्ति ने RBI की “सचेत” वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद, मई 2024 में RBI के सहायक महाप्रबंधक ए. जे. कैनेडी द्वारा चेन्नई पुलिस में शिकायत दी गई, जिसे आगे CB-CID को सौंपा गया। मार्च 2025 में दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 419, 420, 465, 468, 471 और आईटी एक्ट की धारा 66D समेत प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1950 के तहत कार्रवाई शुरू की गई। पहले दौर में तंजावुर के नित्यानंदम और चंद्रा को गिरफ्तार किया गया।
इसके बाद धर्मपुरी निवासी अंबुमणि, सलेम निवासी मुथुसामी व केशवन और तेलंगाना के गडी चर्ला किशोर कुमार को हिरासत में लिया गया। आरोपियों के पास से सोने जैसी धातु, जाली दस्तावेज़, मोबाइल फोन और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई। अब तक चेन्नई, कोयंबटूर, तंजावुर, सेलम, नमक्कल और धर्मपुरी से करीब 20 पीड़ितों की पहचान हो चुकी है। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, इनसे करीब 4.5 करोड़ रुपये की ठगी की गई है।