इस समय मॉनसून द्रोणी रेखा का पश्चिमी छोर हिमालय की तलहटी की ओर खिसक गया है
लखनऊ,संवाददाता : उत्तर प्रदेश में मॉनसून ने अपना मिजाज बदल लिया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 11 जुलाई से राज्य के 35 जिलों के लिए बारिश का बड़ा अलर्ट जारी किया है। विभाग ने साफ किया है कि 11 से 15 जुलाई तक यूपी के दक्षिणी और पश्चिमी जिलों में मध्यम से भारी बारिश और वज्रपात की संभावना बनी रहेगी। इस चेतावनी के दायरे में मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, रामपुर, बिजनौर, बांदा, चित्रकूट, झांसी, महोबा, हमीरपुर, ललितपुर, जालौन, प्रयागराज, मिर्जापुर, सोनभद्र, कानपुर और आसपास के जिले शामिल हैं।
वज्रपात और गरज-चमक का खतरा बढ़ा
मौसम विभाग के मुताबिक, बिजली गिरने (वज्रपात) और तेज गरज-चमक की घटनाएं अगले पांच दिनों तक जारी रह सकती हैं। खासतौर पर बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, सोनभद्र, कानपुर नगर व देहात, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, हमीरपुर, झांसी, ललितपुर और इनसे लगे इलाकों में वज्रपात का खतरा ज्यादा है। विभाग ने इन जिलों में रहने वाले नागरिकों को अनावश्यक बाहर निकलने से बचने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी है।
मॉनसून ट्रफ लाइन बनी भारी बारिश की वजह
मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि इस समय मॉनसून द्रोणी रेखा (ट्रफ लाइन) का पश्चिमी छोर हिमालय की तलहटी की ओर खिसक गया है, जबकि पूर्वी छोर अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर झुककर नजीबाबाद, शाहजहांपुर और कानपुर होते हुए गुजर रहा है। इसके चलते दक्षिण और पश्चिम यूपी में मानसून सक्रिय हो गया है। इसका असर यह हो रहा है कि प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और वज्रपात देखने को मिल रहा है, जबकि बाकी क्षेत्रों में छिटपुट या हल्की बारिश हो रही है।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने बांदा, चित्रकूट, झांसी, महोबा, हमीरपुर, ललितपुर और जालौन को 11 और 12 जुलाई के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट की श्रेणी में रखा है। इन जिलों में पहले भी भारी बारिश हो चुकी है, जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। एक और दौर की तेज बारिश स्थानीय जनजीवन को बाधित कर सकता है।
लखनऊ सहित कई जिलों में हल्की बारिश और उमस
राजधानी लखनऊ में मौसम विभाग ने 10 और 11 जुलाई को हल्की बारिश की संभावना जताई है। सुबह हल्की धूप निकल सकती है, लेकिन दोपहर बाद आसमान में बादल छा जाएंगे। हालांकि, बारिश की तीव्रता कम होने के कारण तापमान में गिरावट तो होगी लेकिन उमस भरी गर्मी का असर बना रहेगा। विभाग ने यह भी बताया कि अगले दो दिनों में अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है, लेकिन न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा।