अपने अदम्य साहस के बल पर उत्कृष्ट सेवा सहित कई पदक कर चुके हैं अपने नाम
शामली,संवाददाता : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित एसटीएफ के बहादुर इंस्पेक्टर सुनील कुमार की सोमवार रात को हुई मुठभेड़ के दौरान गंभीर रूप से घायल होने के बाद बुधवार को इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। सुनील कुमार को मंगलवार तड़के चार बजे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत में सुधार की उम्मीद थी, लेकिन बुधवार दोपहर 2:19 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। सुनील कुमार का पुलिस सेवा में योगदान अविस्मरणीय था। वर्ष 1990 में पीएसी (पुलिस आर्म्ड कॉन्स्टेबुलरी) में भर्ती होकर उन्होंने धीरे-धीरे अपने कार्य में उत्कृष्टता हासिल की। वर्ष 2008 में एसटीएफ में उनकी नियुक्ति हुई और इसके बाद से उन्होंने कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में भाग लिया, जिनमें 50 हजार के इनामी दस्यु ओम प्रकाश और राजराज का एनकाउंटर शामिल था। इन्हें 2015 में ‘शौर्य के आधार पर सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह’ और 2024 में गृह मंत्रालय द्वारा ‘अति उत्कृष्ट सेवा पदक’ से नवाजा गया था। शामली के झिंझाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में, एसटीएफ की टीम ने एक लाख रुपये के इनामी अपराधी अरशद समेत चार कुख्यात बदमाशों को ढेर किया। इस ऑपरेशन में पुलिस और अपराधियों के बीच 40 से अधिक राउंड की फायरिंग हुई थी, जिसमें सुनील कुमार बुरी तरह घायल हो गए थे। उनके पेट में चार गोली लगी और हाथ में भी कई छर्रे आकर लगे थे, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई थी। इंस्पेक्टर सुनील कुमार की शहादत ने यूपीएसटीएफ के वीरता और साहस की एक और मिसाल कायम की है। उनकी वीरता को कभी नहीं भुलाया जाएगा।