जमात-ए-इस्लामी से जुड़े कट्टरपंथियों द्वारा इस्लाम कबूल करने का बनाया जा रहा था दबाव
ढाका,संवाददाता : बांग्लादेश शेख हसीना के सत्ता से बाहर जाने और तख्तापलट के बाद से हिंदू समुदाय पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। बांग्लादेश की पुलिस और सेना से भी उन्हें कोई विशेष सुरक्षा नहीं मिल रही है। अंतरिम नेतृत्व संभालने के बाद भी मुहम्मद यूनुस के कार्यकाल में स्थिति में सुधार नहीं आया है। भारत सरकार की ओर से बार-बार आपत्ति जताए जाने के बावजूद हिंदू विरोधी हिंसा में कमी नहीं आई है। अब एक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक हिंदू नेता की बेरहमी से हत्या कर दी गई है।
58 वर्षीय हिंदू नेता भाबेश चंद्र रॉय, जो दिनाजपुर के बसुदेवपुर गांव के निवासी थे, की गुरुवार को कुछ बदमाशों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। ढाका से लगभग 330 किलोमीटर दूर हुई इस घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, शाम लगभग 4:30 बजे कुछ बदमाश मोटरसाइकिल पर भाबेश के घर पहुंचे और पहले फोन करके उनकी मौजूदगी की पुष्टि की। इसके बाद चार लोगों ने उन्हें घर से अगवा कर लिया। अगवा करने के बाद उन्हें पास के नाराबारी गांव ले जाया गया, जहां उन्हें बेरहमी से पीटा गया।
भाबेश को अर्ध-मूर्छित अवस्था में वापस उनके घर छोड़ दिया गया, जहां से परिवार ने तुरंत उन्हें दिनाजपुर के एक अस्पताल पहुंचाया। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद परिवार ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि भाबेश पर कुछ समय से जमात-ए-इस्लामी से जुड़े कट्टरपंथियों द्वारा इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाया जा रहा था। भाबेश द्वारा इससे इनकार करने पर उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं, और आशंका जताई जा रही है कि उनकी हत्या इसी धार्मिक दबाव के चलते की गई। इस निर्मम घटना ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर फिर से गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं भारत सरकार की चिंता और कूटनीतिक आपत्तियों के बावजूद बांग्लादेश में हालात जस के तस बने हुए हैं।