मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान मक्की की दिसंबर 2024 में हुई थी हत्या
इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के गुनहगार और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के प्रमुख हाफिज सईद की सुरक्षा को बढ़ा दिया है। यह कदम हाल ही में सईद के करीबी सहयोगी अबू कताल की हत्या के बाद उठाया गया है, जिसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने गंभीरता से लिया है।
सईद की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय उसके बेटे की सुरक्षा के साथ-साथ लिया गया है, क्योंकि आईएसआई को आशंका है कि आतंकी गतिविधियों में सफाए के बाद अगला निशाना हाफिज सईद हो सकता है। शनिवार को अबू कताल और उसके सुरक्षा गार्ड की हत्या के बाद आईएसआई ने हाफिज सईद की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और इसे मजबूत किया। कताल जम्मू-कश्मीर में दो आतंकी हमलों का जिम्मेदार था, और उसकी हत्या के बाद पाकिस्तान और भारत में हाफिज सईद की जान को लेकर अफवाहें फैल गईं। हालांकि, पाक मीडिया ने इन अफवाहों को खारिज किया, लेकिन यह माना कि हाफिज सईद की जान को खतरा है।
पाकिस्तानी प्रशासन और खुफिया तंत्र ने अब हाफिज सईद के ठिकानों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है। हालाँकि, सईद पहले भी आईएसआई की कड़ी सुरक्षा के बावजूद हमलों का निशाना बन चुका है। 2021 में लाहौर में उसके ठिकाने के पास एक आत्मघाती बम विस्फोट हुआ था, जिसमें सईद बाल-बाल बचा था। सईद के दो खास गुर्गे और लश्कर कमांडर हंजला अदनान और रियाज़ अहमद उर्फ अबू कासिम की 2023 में हत्या हो चुकी है। इसके अलावा, मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान मक्की की दिसंबर 2024 में हत्या हुई थी। मक्की सईद का रिश्तेदार था। इस बीच, पाकिस्तान के क्वेटा एयरपोर्ट के पास एक और आतंकी अब्दुल बाकी नूरजई की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नूरजई, जो जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम का नेता था, आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त माना जाता था। इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान और भारत दोनों ही देशों में सुरक्षा को लेकर चिंताओं को और बढ़ा दिया है। आईएसआई और पाकिस्तान सरकार की ओर से उठाए गए कदमों से यह स्पष्ट हो रहा है कि पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों के कारण सुरक्षा का माहौल और भी संवेदनशील हो गया है, और हाफिज सईद के जीवन को लेकर खतरे की स्थिति बनी हुई है।