निचले इलाकों में एक बार फिर घुसने लगा है बाढ़ का पानी
प्रयागराज,संवाददाता : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक बार फिर गंगा और यमुना नदियां उफान पर हैं। पिछले 24 घंटे में गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 143 सेंटीमीटर और छतनाग में 286 सेंटीमीटर बढ़ा, जबकि नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 288 सेमी बढ़ गया है। अधिकृत सूत्रों ने मंलवार को बताया कि गंगा नदी का जलस्तर लगभग 6 सेंटीमीटर प्रति घंटा और यमुना नदी का पानी 12 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में एक बार फिर बाढ़ का पानी घुसने लगा है।
आज सुबह आठ बजे गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 80.82 मीटर और छतनाग में 82.08 मीटर दर्ज किया गया । नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 82.85 मीटर दर्ज किया गया। हालांकि दोनों नदियां अभी खतरे के निशान 84.734 मीटर से नीचे बह रही हैं। सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से लगातार जलस्तर की मॉनीटरिंग की जा रही है। अब लोगो को ये डर सता रहा है कि फिर से कही ये पानी आ गया तो कैसे सामानों को हटाया जायेगा।
वाराणसी में भी तेजी से बढ़ रहा है गंगा का जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी में मंगलवार को गंगा नदी का जलस्तर 68.94 मीटर दर्ज किया गया। गंगा का जलस्तर प्रति घंटे नौ सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है। आयोग के मुताबिक, गंगा का चेतावनी स्तर 70.262 मीटर और खतरे का स्तर 71.262 मीटर है, जबकि नदी का उच्चतम बाढ़ स्तर 73.901 मीटर है। काशी में गंगा नदी का पलट प्रवाह इस बार दूसरी बार देखने को मिल रहा है। घाटों का संपर्क एक बार फिर पूरी तरह टूट गया है।
दशाश्वमेध घाट पर स्थित शीतला मंदिर तक पानी पहुंच गया है। हरिश्चंद्र घाट पर मशाननाथ और मणिकर्णिका घाट पर स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर का गर्भगृह जलमग्न हो चुका है। अस्सी घाट की ऊपरी सीढ़ियों और ‘सुबह-ए-बनारस’ के मंच तक पानी पहुंच गया है। वहीं, वरुणा नदी भी उफान पर है। ऐसे में गंगा और वरुणा के तटवर्ती क्षेत्रों में लोगों को एक बार फिर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।