एसी ट्रेन और हवाई यात्रा की सुविधा, रजिस्ट्रेशन शुरू, राष्ट्रीय स्थलों को भी किया गया शामिल
जयपुर,संवाददाता : राजस्थान सरकार ने राज्य के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक शानदार सौगात का ऐलान किया है। सीनियर सिटीजन पिलग्रिमेज स्कीम 2025 के तहत इस साल 56 हजार वरिष्ठ नागरिकों को देशभर के विभिन्न तीर्थ स्थलों और राष्ट्रीय महत्व के स्थलों की यात्रा पूरी तरह मुफ्त कराई जाएगी। इस योजना के तहत 50 हजार बुजुर्गों को एसी ट्रेन से और 6 हजार को हवाई जहाज़ के ज़रिए यात्रा कराई जाएगी। इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 18 जुलाई 2025 से शुरू हो चुकी है और आखिरी तारीख 10 अगस्त 2025 तय की गई है। इच्छुक नागरिक राजस्थान देवस्थान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://devasthan.rajasthan.gov.in https://edevasthan.rajasthan.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
राजस्थान की संस्कृति से सजी होंगी ट्रेनें
देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर यह योजना शुरू की गई है। इस बार सभी ट्रेनों को स्लीपर की बजाय एसी कोच में बदला गया है। यही नहीं, यात्रा के अनुभव को और विशेष बनाने के लिए Deher Balaji स्टेशन से रवाना होने वाली विशेष ट्रेनों के 11 कोचों को राजस्थान की संस्कृति, कला, नृत्य, त्योहार, मंदिर, किले और अभयारण्यों की थीम पर विशेष रूप से सजाया गया है। हर कोच की एक अलग थीम होगी ताकि यात्री सफर के दौरान ही राजस्थान की विविध संस्कृति को नज़दीक से अनुभव कर सकें।
नए तीर्थ और राष्ट्रीय स्थल भी शामिल
इस बार योजना में धार्मिक स्थलों के साथ-साथ राष्ट्रीय महत्व के स्थलों को भी शामिल किया गया है।
देवस्थान मंत्री के अनुसार, अब की तीर्थ यात्राओं में शामिल होंगे:
- रामेश्वरम
- अमृतसर का स्वर्ण मंदिर
- पटना साहिब
- नांदेड़ साहिब
- वाघा बॉर्डर
खास तौर पर सिख समुदाय के बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए नई यात्राएं जोड़ी गई हैं। सरकार का मानना है कि इससे बुजुर्ग न सिर्फ धार्मिक आस्था, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक विरासत से भी जुड़ाव महसूस करेंगे।
यात्रा कैसे होगी और चयन प्रक्रिया क्या है?
- हर ट्रेन में 800 वरिष्ठ नागरिकों की यात्रा कराई जाएगी।
- ऑनलाइन आवेदन के बाद जिला स्तरीय समिति पात्र नागरिकों का चयन करेगी।
- चयनित यात्रियों को अगस्त 2025 से तीर्थ यात्रा पर भेजा जाएगा।
पिछले वर्ष इस योजना से 35 हजार नागरिकों को लाभ मिला था, जबकि इस बार संख्या बढ़ाकर 56 हजार कर दी गई है।