पाली हिल स्थित आवास और नवी मुंबई की धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी की जमीन भी शामिल
नई दिल्ली,संवाददाता : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बैंक घोटाले की जांच के सिलसिले में अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस अनिल अंबानी समूह (R-ADAG) की 7,500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क कर ली हैं। कुर्क की गई संपत्तियों में अनिल अंबानी का मुंबई के पाली हिल स्थित आवास और नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी की 132 एकड़ से अधिक भूमि (मूल्य 4,462 करोड़ रुपये से अधिक) शामिल है। ईडी ने बताया कि यह कार्रवाई रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड से जुड़ी कथित बैंक धोखाधड़ी के मामले में की गई है।
31 अक्टूबर को भी की थी 3,083 करोड़ की कुर्की
ईडी ने इससे पहले 31 अक्टूबर 2025 को भी धनशोधन निवारक अधिनियम (PMLA, 2002) के प्रावधानों के तहत रिलायंस अनिल अंबानी समूह की 3,083 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 42 संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। इन संपत्तियों में — रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की 30 संपत्तियां, आधार प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड की 5 संपत्तियां, मोहनबीर हाई-टेक बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड की 4 संपत्तियां, गमेसा इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, विहान43 रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व नाम मेसर्स कुंजबिहारी डेवलपर्स प्रा. लि.) की 1-1 संपत्ति, और कैंपियन प्रॉपर्टीज लिमिटेड की एक संपत्ति शामिल है।
देशभर में फैली हैं कुर्क की गई संपत्तियां
कुर्क की गई संपत्तियों में — मुंबई के पाली हिल स्थित आवास, नई दिल्ली में महाराजा रणजीत सिंह मार्ग पर रिलायंस सेंटर, साथ ही दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई, कांचीपुरम और पूर्वी गोदावरी में स्थित अन्य अचल संपत्तियां शामिल हैं। ईडी ने बताया कि यह कुर्की आरकॉम से जुड़े एसबीआई बैंक धोखाधड़ी, तथा आरसीएफएल और आरएचएफएल से जुड़े यस बैंक घोटाले के मामलों से संबंधित है।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने दी सफाई – कारोबार पर कोई असर नहीं
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने शेयर बाजार को भेजे बयान में कहा, हम सूचित करना चाहते हैं कि कंपनी की कुछ संपत्तियों को ईडी द्वारा पीएमएलए के कथित उल्लंघनों के लिए अस्थायी रूप से कुर्क किया गया है। कंपनी के व्यवसाय, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारक पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। कंपनी ने स्पष्ट किया कि अनिल डी. अंबानी पिछले 3.5 वर्षों से रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के बोर्ड में शामिल नहीं हैं।























