लखनऊ से लेकर अंतरिक्ष तक, 1984 के राकेश शर्मा मिशन की दिला रहे याद
लखनऊ,संवाददाता : भारत एक बार फिर अंतरिक्ष इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों से अपना नाम दर्ज कराने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, आज शाम 5:52 बजे (IST) नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से Ax-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरेंगे। यह मिशन भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते अंतरिक्ष सहयोग का प्रतीक है। शुभांशु की यह ऐतिहासिक यात्रा 11 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ने के साथ एक नया अध्याय लिखेगी। यह मिशन 1984 में राकेश शर्मा की उड़ान के बाद किसी भारतीय की पहली मानव अंतरिक्ष उपस्थिति होगी।
शुभांशु का सफर:
लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से प्रारंभ होकर, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट बनने तक, शुभांशु ने एक प्रेरणादायक यात्रा तय की है। 2,000 घंटे से अधिक उड़ान अनुभव रखने वाले इस टेस्ट पायलट ने रूस, अमेरिका, ISRO, स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस से गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
2023 में प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान शुभांशु को Ax-4 मिशन के लिए चुना गया। यह मिशन अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की नई भूमिका को दर्शाता है। शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला और माँ आशा शुक्ला को आज गर्व का वह क्षण देखना मिलेगा, जब उनका बेटा अंतरिक्ष में भारत का झंडा बुलंद करेगा। कारगिल युद्ध से प्रेरणा लेकर शुभांशु ने वायुसेना का रुख किया था।