यह स्वतंत्र भारत की आठवीं और कुल सोलहवीं जनगणना होगी
दिल्ली,संवाददाता : भारत सरकार ने सोमवार, 17 जून 2025 को एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी करते हुए घोषणा की है कि देश की अगली जनगणना साल 2027 में कराई जाएगी। यह जनगणना 2011 के बाद पहली जनगणना होगी। इसमें 1931 के बाद पहली बार जातिगत गणना भी शामिल की जाएगी। गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण की ओर से यह अधिसूचना जारी की गई।
दो चरणों में होगी जनगणना
अधिसूचना में बताया गया है कि जनगणना की संदर्भ तिथि एक मार्च 2027 होगी, जबकि लद्दाख और हिमालयी राज्यों के बर्फीले और दुर्गम क्षेत्रों (जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) के लिए एक अक्टूबर 2026 की मध्यरात्रि को संदर्भ तिथि माना जाएगा।
कोविड-19 की वजह से टाली गई थी जनगणना
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के कारण 2021 में होने वाली जनगणना स्थगित कर दी गई थी। अब छह साल की देरी से यह मह exercise 2027 में आयोजित की जाएगी, जो कि स्वतंत्र भारत की आठवीं और कुल सोलहवीं जनगणना होगी।
अमित शाह ने की तैयारियों की समीक्षा
गृह मंत्री अमित शाह ने जनगणना की तैयारियों की समीक्षा करते हुए डेटा सुरक्षा पर विशेष जोर देने की बात कही है। डेटा संग्रहण, ट्रांसमिशन और भंडारण के दौरान कड़े सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे, ताकि किसी भी प्रकार की जानकारी का दुरुपयोग न हो।
लंबे समय से हो रही थी जातिगत गणना की मांग
जातिगत गणना को लेकर लंबे समय से सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर मांग की जा रही थी। 2027 की जनगणना के माध्यम से पहली बार देश को आधिकारिक जातिगत आंकड़े उपलब्ध होंगे, जिससे विभिन्न वर्गों के लिए नीतियां और योजनाएं बेहतर ढंग से बनाई जा सकेंगी।