विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से नहीं चल पाई सदन की कार्यवाही
नई दिल्ली, संवाददाता : लोकसभा में मंगलवार को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हो सका। कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोपहर करीब 12.17 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद परिसर में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों को अशोभनीय बताते हुए कहा कि सभी को संसद की गरिमा और प्रतिष्ठा बनाए रखनी चाहिए। बिरला ने कार्यवाही शुरू होने के कुछ समय बाद इस मुद्दे को उठाया और अफसोस जताया कि विपक्षी दलों के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही नहीं चल पाई। उन्होंने कहा, “संसद एक पवित्र स्थल है और इसकी उच्च गरिमा, प्रतिष्ठा और मर्यादा है। यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था है। यहां लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया जाता है।” बिरला ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से संसद परिसर में जिस प्रकार के प्रदर्शन हो रहे हैं, वह न केवल अशोभनीय हैं, बल्कि संसदीय परंपराओं के खिलाफ भी हैं।
विपक्षी दलों ने अपने मुद्दों को उठाने के लिए हंगामा किया, जिससे सदन की कार्यवाही करीब पांच मिनट बाद ही स्थगित कर दी गई। दोपहर 12 बजे के बाद, पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने सदन में आवश्यक कागजात प्रस्तुत किए और केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने ‘वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक, 2024′ को प्रस्तुत किया, हालांकि हंगामा जारी रहा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उनके शर्मनाक व्यवहार की वजह से सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है और इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस और देश विरोधी ताकतों से उनके रिश्ते क्या हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी सांसदों से संसद की गरिमा बनाए रखने की अपील की और कहा कि संसदीय प्रक्रिया के अनुसार, सभी को सकारात्मक सहयोग करना चाहिए ताकि सदन की कार्यवाही बिना रुकावट के चल सके। उन्होंने कहा, “आप सकारात्मक सहयोग करें और मुद्दों पर चर्चा करें। सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष को बैठकर सदन को चलाने का प्रयास करना चाहिए।”