273.5 करोड़ रुपये जीएसटी जुर्माने के खिलाफ पतंजलि की याचिका खारिज
इलाहाबाद,संवाददाता : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को बड़ा झटका देते हुए कंपनी के तीन संयंत्रों के खिलाफ सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 122 के तहत दंडात्मक कार्यवाही जारी रखने का निर्देश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति धारा 73 या 74 के तहत कर भुगतान के लिए उत्तरदायी नहीं भी हो, तो भी वह धारा 122 के अंतर्गत दंड का पात्र हो सकता है। यह फैसला न्यायमूर्ति शेखर बी. शराफ और न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने सुनाया, जिन्होंने पतंजलि द्वारा दाखिल याचिका को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने अपने आदेश में दो महत्वपूर्ण प्रश्नों पर विचार किया:
- क्या संबंधित अधिकारी के पास धारा 122 के तहत दंड लगाने की शक्ति है?
- यदि धारा 74 के तहत कार्यवाही समाप्त हो जाती है, तो क्या धारा 122 की कार्यवाही स्वतः समाप्त मानी जाएगी?
इन प्रश्नों का उत्तर देते हुए अदालत ने स्पष्ट किया कि धारा 122 के तहत कार्यवाही स्वतंत्र होती है और यह धारा 74 के अंतर्गत कार्यवाही के समाप्त हो जाने से खत्म नहीं होती। कोर्ट ने कहा कि यदि मुख्य व्यक्ति के विरुद्ध धारा 74 की कार्यवाही समाप्त हो जाए, तब भी फर्जी चालान आदि जैसे कार्यों के लिए धारा 122 के अंतर्गत दंड लगाया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सीजीएसटी अधिनियम की धारा 122 के तहत कार्यवाही धारा 73/74 के बिना भी शुरू की जा सकती है।