बॉलीवुड ने न केवल गणेश चतुर्थी के रंगों को अपनाया, बल्कि भगवान गणेश पर केंद्रित कई फिल्में भी बनाई हैं
मुंबई,संवाददाता : गणेश चतुर्थी न केवल भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, बल्कि यह त्योहार हिंदी फिल्मों में भी बड़े भक्ति भाव और धूमधाम से दर्शाया जाता रहा है। विशेषकर महाराष्ट्र में गणपति उत्सव का सांस्कृतिक महत्व इतना गहरा है कि इसका प्रभाव बॉलीवुड की कई चर्चित फिल्मों में साफ दिखाई देता है।
भगवान गणेश की महिमा को रुपहले पर्दे पर सबसे पहले साल 1925 में दादा साहब फाल्के की फिल्म “गणेशा उत्सव” में दिखाया गया था। इसके बाद 1936 की फिल्म “पुजारिन” के गीत “हो गणपति बप्पा मोरया” ने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया था। सत्तर और अस्सी के दशक में गणेश भक्ति से ओतप्रोत कई गीत सामने आए। 1977 में आई फिल्म “जय गणेश” और उसका प्रसिद्ध भजन “जय गणेश जय गणेश देवा” आज भी गणेश पूजन में गूंजता है। 1981 की फिल्म “हमसे बढ़कर कौन” का गीत “देवा हो देवा गणपति देवा” अब गणपति गीतों का पर्याय बन चुका है।
1990 की फिल्म “अग्निपथ” में अमिताभ बच्चन की मौजूदगी में बप्पा की विदाई का दृश्य और गीत “गणपति अपने गांव चले” आज भी दर्शकों के दिलों में बसा हुआ है। वहीं 1999 की फिल्म “वास्तव” में “जय देव जय देव” आरती को श्रोताओं ने खूब सराहा। 2006 में शाहरुख खान की फिल्म “डॉन” के विसर्जन गीत “अगले बरस आना है” ने भी बप्पा के प्रति श्रद्धा को आधुनिक रंगों में पिरोया। बच्चों के बीच 2007 में आई फिल्में “माई फ्रेंड गणेशा” और “बाल गणेशा” बेहद लोकप्रिय रहीं। इन फिल्मों ने भगवान गणेश को एक दोस्त के रूप में बच्चों के करीब ला खड़ा किया। अजय देवगन और परेश रावल की फिल्म “अतिथि तुम कब जाओगे”, और 2012 की “अग्निपथ” में ऋतिक रोशन पर फिल्माया गया “देवा श्री गणेशा” आज हर गणेश उत्सव की शान बन चुका है।
बॉलीवुड ने न केवल गणेश चतुर्थी के रंगों को अपनाया, बल्कि भगवान गणेश पर केंद्रित कई फिल्में भी बनाई हैं — जैसे “श्री गणेश जन्म”, “गणेश चतुर्थी”, “श्री गणेश महिमा”, “श्री गणेश विवाह”, और “बाल गणेशा”। इनके अलावा भी “सागर संगम”, “कालचक्र”, “जलजला”, “हम पांच”, “मरते दम तक”, “इलाका” जैसी फिल्मों में गणपति पूजा या उत्सव को किसी न किसी रूप में दर्शाया गया है।बॉलीवुड के इन भावभीने गीतों और दृश्यों ने भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा, संस्कृति और परंपरा को जन-जन तक पहुँचाने का काम किया है। गणेशोत्सव आज भी हिंदी फिल्मों का अभिन्न हिस्सा बना हुआ है — भावनाओं, आस्था और भक्ति से परिपूर्ण।