शाह ने कहा, नेशनल कांफ़्रेंस का एजेंडा कभी भी जमीन पर लागू नहीं हो सकता
जम्मूः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 370 अनुच्छेद को लेकर सरकार का रुख़ पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया। कहा कि अनुच्छेद 370 इतिहास बन चुका है। ऐसे इतिहास की कभी वापसी नहीं होती। कोई इसे बहाल नहीं कर सकता।’ नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 की बहाली के आश्वासन और कांग्रेस द्वारा नेकां को समर्थन से जुड़े सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह ने कहा, ‘‘नेकां का एजेंडा जमीन पर लागू नहीं हो सकता।’ जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की मांग के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह मांग लोगों को गुमराह करने के लिए है। मैंने हमेशा इस मांग को स्वीकार किया है। उचित समय पर इसे (राज्य का दर्जा) बहाल किया जाएगा।’’ लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की जम्मू-कश्मीर पर बाहरी लोगों के शासन संबंधी टिप्पणी पर शाह ने कहा, ‘‘अगर वह कहते हैं कि राष्ट्रपति शासन बाहरी लोगों का शासन है, तो मैं राहुल गांधी से कहना चाहता हूं कि आपकी सरकारों के दौरान जम्मू-कश्मीर में तीन बार राष्ट्रपति शासन लगा था।’’
भारत आतंकवाद समाप्त होने तक पाकिस्तान से बातचीत के पक्ष में नहीं
अमित शाह ने कहा कि भारत आतंकवाद समाप्त होने तक पाकिस्तान से बातचीत के पक्ष में नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘बातचीत और बम एक साथ नहीं चल सकते।’’ शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का घोषणापत्र जारी करते हुए ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने आतंकवादी गतिविधियां जारी रहने के बीच पाकिस्तान के साथ बातचीत की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। शाह ने कहा, कि ‘‘जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं हो जाता, हम पाकिस्तान के साथ बातचीत के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन, हम कश्मीर के युवाओं से निश्चित रूप से बात करेंगे।
जपा के संकल पत्र की ये बड़ी बातेंः
जम्मू में तवी रिवर फ्रंट बनाया जाएगा।
श्रीनगर में एम्यूजमेंट पार्क का निर्माण होगा।
डल झील का विश्व स्तरीय विकास किया जाएगा।
‘मां सम्मान योजना’ शुरू की जाएगी।
उज्ज्वला योजना के तहत 2 सिलेंडर दिए जाएंगे।
छात्रों को कोचिंग के लिए 10 हजार रुपए की सहायता मिलेगी।
किश्तवाड़ में आयुष हर्बल पार्क का निर्माण होगा।
राजौरी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
घर की एक महिला को 18 हजार रुपए दिए जाएंगे.
कॉलेज छात्रों को हर साल 3 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी।
जम्मू-कश्मीर में मेट्रो परियोजना की शुरुआत होगी।
किसानों को सालाना 10 हजार रुपए की सहायता मिलेगी।
क्षतिग्रस्त मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
आईटी हब की स्थापना की जाएगी।
बुजुर्ग और दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाई जाएगी।
भूमिहीनों को 5 मरला जमीन दी जाएगी।