नई दिल्ली में हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान इन समझौतों पर सहमति बनी
नई दिल्ली ,संवाददाता टैरिफ विवादों के बीच अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में, भारत ने सिंगापुर के साथ अपने रणनीतिक और आर्थिक रिश्तों को और मजबूत करते हुए पांच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच गुरुवार को नई दिल्ली में हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान इन समझौतों पर सहमति बनी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सिंगापुर हमारी एक्ट ईस्ट नीति का मजबूत स्तंभ है। यह सहयोग सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि साझा मूल्यों और विश्वास पर आधारित है। वहीं, प्रधानमंत्री वोंग ने भारत को “एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता का स्तंभ” बताते हुए कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के इस दौर में भारत-सिंगापुर साझेदारी और भी ज्यादा प्रासंगिक हो गई है।
पाँच प्रमुख समझौते जो भविष्य की दिशा तय करेंगे:
- डिजिटल संपत्ति और भुगतान प्रणाली में नवाचार
भारतीय रिज़र्व बैंक और सिंगापुर की मॉनेटरी अथॉरिटी के बीच हुए समझौते से सीमा-पार डिजिटल भुगतान और वित्तीय तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा। - विमानन प्रशिक्षण एवं अनुसंधान सहयोग
भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (AAI) और सिंगापुर की सिविल एविएशन अथॉरिटी संयुक्त रूप से विमानन क्षेत्र में मानव संसाधन और तकनीकी क्षमता को सुदृढ़ करेंगे। - ग्रीन व डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर की स्थापना
दोनों देश शून्य-उत्सर्जन ईंधन और स्मार्ट पोर्ट टेक्नोलॉजी के माध्यम से समुद्री क्षेत्र में हरित क्रांति की दिशा में काम करेंगे। - विनिर्माण क्षेत्र में कौशल विकास
चेन्नई में एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence) की स्थापना होगी, जिससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी। - अंतरिक्ष उद्योग में सहयोग
अंतरिक्ष अनुसंधान और वाणिज्यिक उपग्रह प्रक्षेपण में साझेदारी को विस्तार मिलेगा। भारत अब तक सिंगापुर के लगभग 20 उपग्रह सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर चुका है।
भारत-सिंगापुर संबंधों की मजबूती के संकेत
- एफडीआई में सिंगापुर शीर्ष पर: सिंगापुर पिछले सात वर्षों से भारत में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) स्रोत बना हुआ है।
- $170 अरब का कुल निवेश: दोनों देशों के बीच कुल निवेश का आँकड़ा 170 अरब डॉलर को पार कर चुका है।
- $35 अरब का द्विपक्षीय व्यापार: 2004-05 में 6.7 अरब डॉलर से बढ़कर यह व्यापार 2024-25 में 35 अरब डॉलर तक पहुँच चुका है।
- ASEAN के साथ सेतु: सिंगापुर, भारत को ASEAN देशों से जोड़ने में एक अहम भूमिका निभाता है।
दोनों देशों ने CECA (Comprehensive Economic Cooperation Agreement) और AITIGA (ASEAN-India Trade in Goods Agreement) की जल्द समीक्षा करने का भी निर्णय लिया है, जिससे व्यापारिक बाधाओं को दूर किया जा सकेगा।