उज्जैन में छोड़े जा रहे हैं भिक्षुक, 15 महीने में 142 से ज़्यादा लाशों का अंतिम संस्कार
उज्जैन,संवाददाता : भारत की आध्यात्मिक नगरी उज्जैन अब एक नए संकट से जूझ रही है। काशी के बाद यह शहर देश में सबसे अधिक लावारिस लाशों का ठिकाना बनता जा रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन लाशों में बड़ी संख्या भिखारियों की है, जिन्हें इंदौर समेत अन्य जिलों से उज्जैन में लाकर छोड़ दिया जा रहा है।
पिछले 25 वर्षों से लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अनिल डागर ने बताया, “अब तक 25,000 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार कर चुका हूं, लेकिन पिछले 15 महीनों में ही 142 से ज़्यादा लाशों का संस्कार किया। पहले साल में 20-25 शव मिलते थे, अब यह आंकड़ा 7-8 गुना बढ़ गया है।”
इंदौर नगर निगम पर आरोप
उज्जैन नगर निगम का कहना है कि इंदौर ने खुद को “भिक्षुक मुक्त” दिखाने के लिए सैकड़ों भिखारियों को उज्जैन में छोड़ दिया है। पांच महीने पहले इंदौर नगर निगम ने 325 भिक्षुकों को उज्जैन की ओर रवाना किया था। हालांकि कई भिखारी रास्ते में ही बस से उतरकर भाग गए। महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने भिखारियों को सेवा धाम आश्रम में भेजने की कोशिश की, लेकिन कई भाग निकले।
नगर निगम ने उन्हें रैन बसेरों में भी रखा, जहां से वे दोबारा गायब हो गए। इंदौर नगर निगम का दावा है कि शहर में 5000 भिक्षुकों को रोजगार और पुनर्वास दिया गया है। बच्चों का स्कूलों में दाखिला भी कराया गया है। लेकिन उज्जैन में बढ़ रही लावारिस मौतों की हकीकत कुछ और कहानी कह रही है। अब तो आसपास के अन्य जिलों से भी भिखारी उज्जैन में छोड़े जा रहे हैं, जिससे स्थिति और भयावह होती जा रही है।