लखनऊ में इन्फ्रारेड डिटेक्टर प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना को मिली हरी झंडी
लखनऊ, संवाददाता : रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत ने एक और बड़ा कदम उठाया है। राजधानी लखनऊ में अब 2,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत से इन्फ्रारेड डिटेक्टर प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना की जाएगी। यह प्रस्ताव डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की इकाई उपकरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (IRDE) को भेजा गया है।
यह केंद्र रक्षा औद्योगिक गलियारा (UPDIC) के लखनऊ नोड में स्थापित किया जाएगा और इसका उद्देश्य अत्याधुनिक इन्फ्रारेड डिटेक्टरों का स्वदेशी निर्माण करना है। इन डिटेक्टरों का इस्तेमाल रात्रि दृष्टि प्रणाली और थर्मल इमेजिंग जैसे सैन्य उपकरणों में होता है, जो भारतीय सेना को रात और खराब मौसम में भी दुश्मन की पहचान में सक्षम बनाएगा।
डॉ. राघवेन्द्र शुक्ल और दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि यह केंद्र एक हाई-टेक फैब-लाइन होगा, जिससे भारत दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल हो जाएगा जिनके पास यह तकनीक है। 11 मई, 2025 को ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई के उद्घाटन के बाद, यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जिसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहयोग से आगे बढ़ाया गया है। उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने 22 जुलाई को IRDE को 25 एकड़ भूमि 1 रुपये प्रति वर्ष के सांकेतिक पट्टे पर आवंटित करने की मंजूरी भी दे दी है। परियोजना से हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे और साथ ही इससे शैक्षणिक व औद्योगिक संस्थानों को भी भागीदारी का अवसर मिलेगा। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विज़न को मजबूती प्रदान करेगा ।