पिछले दस सालों में माउंट आबू के जंगलों में कई बार लग चुकी है आग
जयपुर,संवाददाता : राजस्थान के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू के जंगलों में एक बार फिर आग ने विकराल रूप ले लिया है। गंभीरी नाले के आसपास धुएं का गुबार देखा जा रहा है, और तेज़ हवा के कारण आग तेजी से फैलने की संभावना है। वन विभाग और नगर पालिका की दमकल टीमें आग बुझाने में जुटी हुई हैं, लेकिन इस बार आग का तांडव ज्यादा गंभीर नजर आ रहा है।
माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य, जो करीब 300 से अधिक भालुओं का प्राकृतिक आवास है, आग की चपेट में आ गया है। इसके अलावा, यहां पैंथर, सांभर, लकड़बग्घा और दुर्लभ पक्षी प्रजातियां भी निवास करती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि आग इतनी तेज़ थी कि कई वन्यजीवों के झुलसने की आशंका है, लेकिन वन विभाग ने इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। रविवार को भारतीय सेना, एयरफोर्स, सीआरपीएफ और वन विभाग के संयुक्त प्रयासों से आग को काफ़ी हद तक काबू कर लिया गया था, लेकिन सोमवार को गंभीरी नाले के पास दोबारा आग भड़क गई। तेज़ हवा के कारण आग पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो रहा है। मौके पर वन विभाग के कर्मचारी, स्थानीय लोग, आर्मी के जवान, दमकल वाहन और नगर पालिका की टीमें आग बुझाने में जुटी हैं।
माउंट आबू वन्यजीव अभ्यारण्य में 820 से अधिक प्रकार की वनस्पति और औषधीय पौधे, 250 तरह की पक्षी प्रजातियां, जिनमें 155 दुर्लभ प्रजातियां शामिल हैं, और हजारों पैंथर, भालू, सांभर और अन्य वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास है। यह राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र है। 2017 में माउंट आबू के हनीमून पॉइंट, सनसेट पॉइंट और अन्य 16 स्थानों पर भीषण आग लगी थी, जिसके बाद भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टरों से तीन दिनों तक पानी बरसाया गया था। पिछले 10 सालों में माउंट आबू के जंगलों में कई बार आग लग चुकी है, लेकिन इस बार आग का तांडव और भी खतरनाक हो गया है। वन विभाग और प्रशासन ने स्थानीय नागरिकों से सतर्क रहने और जंगल में जाने से बचने की अपील की है। साथ ही, आग को लेकर किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने का अनुरोध किया गया है।