ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र
संवत्सर: क्रोधी
विक्रम संवत: 2081
शक संवत: 1946
कलि संवत: 5125
आयन: उत्तरायण
ऋतु: सौर बसंत ऋतु
मास: फाल्गुन मास
तिथि: रविवार, शुक्ल पक्ष दशमी तिथि (प्रातः 10:15 तक), उसके बाद एकादशी
तिथि स्वामी: यमराज (दशमी तिथि में यमराज की पूजा से नरक और मृत्यु का भय नहीं रहता है)
नक्षत्र: पुनर्वसु (रात्रि 1:53 तक), उसके बाद पुष्य
योग: सौभाग्य योग (संध्या समय 5:11 तक), फिर शोभन योग
सूर्योदय: 06:09 AM
सूर्यास्त: 05:51 PM
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:30 से 6:00 तक
राहुकाल (अशुभ समय): समय: 4:30 PM से 6:00 PM तक
यात्रा शकुन: यात्रा शुरू करने से पहले इलायची खाकर यात्रा प्रारंभ करें।
आज का मंत्र: “ॐ घृणि सूर्याय नमः”
आज का उपाय: विष्णु मंदिर में सवा किलो गुड़ चढ़ाएं।
वनस्पति तंत्र उपाय: बेल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
पर्व एवं त्यौहार: सर्वार्थसिद्धि योग
रविवार को सूर्य पूजा का महत्व:
रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर ताबें के लोटे में अर्ध्य देने से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। सूर्य देव को आत्मा का कारक माना जाता है और उन्हें जल अर्पित करने से पितृ कृपा भी प्राप्त होती है।
भैरव जी की पूजा:
रविवार को भैरव जी के दर्शन और आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते हैं, साथ ही साहस और बल की प्राप्ति होती है। उनके मंत्र “ॐ काल भैरवाय नमः” या “ॐ श्री भैरवाय नमः” का जाप करने से रोग, अकाल मृत्यु और संकट से बचाव होता है।
तिथि विशेष:
दशमी तिथि को धर्मिणी और धनदायक माना जाता है। इस दिन किए गए अनुष्ठान से सिद्धि मिलती है। इस तिथि को वाहन खरीदना और सरकारी कार्यों की शुरुआत करना शुभ माना जाता है।