ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र
दिनांक – 24 अक्टूबर 2024
दिन – गुरूवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत –1946
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ॠतु
मास – कार्तिक
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अष्टमी 25 अक्टूबर सुबह 6:08 तक तत्पश्चात नवमी
नक्षत्र –पुनर्वसु प्रातः 11:38 तक तत्पश्चात पुष्य कल दोपहर 12:21 तक
योग – सिद्ध सुबह 11:45 तक तत्पश्चात साध्य
राहुकाल – दोपहर 01:30 से शाम 03:00 तक
सूर्योदय –06:23
सूर्यास्त- 17:37
दिशाशूल – दक्षिण दिशा मे
व्रत पर्व विवरण – कालाष्टमी
आज है कार्तिक मास की एकादशी
सबसे खास इस दिन विष्णुजी का इस तरह अभिषेक कर पूजन करने वाला महा धनवान होता है
पुष्य नक्षत्र योग
आज 24 अक्टूबर 2024 गुरुवार को सूर्योदय से 25 अक्टूबर सूर्योदय तक गुरुपुष्यामृत योग है । 108 मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का जप करता है, श्रद्धापूर्वक तो 27 नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं और नक्षत्रों में मुख्य है पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | उस दिन ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | ब्रहस्पति को तो हमने देखा नहीं तो सद्गुरु को ही देखकर उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –
ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |…… ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |
कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में
बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें |