ज्योतिष आचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र
दिनांक: 11 नवम्बर 2025
दिन: मंगलवार
विक्रम संवत: 2082
शक संवत: 1947
अयन: दक्षिणायन
ऋतु: हेमंत ऋतु
मास: मार्गशीर्ष
पक्ष: कृष्ण
तिथि: सप्तमी रात्रि अर्थात कल सुबह 05:02 तक, तत्पश्चात अष्टमी
नक्षत्र: पुष्य रात्रि 12:41 तक, तत्पश्चात अश्लेशा (मूल नक्षत्र)
योग: शुभ सायं 04:35 तक, तत्पश्चात शुक्ल
राहुकाल: शाम 03:00 से शाम 04:30 तक
सूर्योदय: 06:34
सूर्यास्त: 05:26
दिशाशूल: उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण
विशेष: सप्तमी
कल बुधवारी अष्टमी
कल 12 नवम्बर 2025 बुधवार को (सूर्योदय से रात्रि 04:07 तक) बुधवारी अष्टमी है। यह मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि मानी जाती है।
धार्मिक मान्यता: सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी और बुधवारी अष्टमी – इन चार तिथियों को सूर्यग्रहण के समान फलदायी कहा गया है। इन दिनों किया गया जप, ध्यान, स्नान, दान एवं श्राद्ध अक्षय फल देता है।
कालभैरव अष्टमी
धर्म ग्रंथों के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने कालभैरव का अवतार लिया था। इसलिए इसे कालभैरव जयंती के रूप में मनाया जाता है। भगवान कालभैरव तंत्र के देवता माने गए हैं। तंत्र शास्त्र के अनुसार किसी भी सिद्धि के लिए भैरव उपासना अनिवार्य है।
इनके 52 रूप माने गए हैं। इनकी कृपा से भक्त निर्भय और कष्टमुक्त होते हैं।
कालभैरव को प्रसन्न करने के 11 प्रमुख उपाय
- कालभैरव अष्टमी की सुबह स्नान कर भगवान कालभैरव की तस्वीर स्थापित करें और पंचोपचार से पूजा करें।
रुद्राक्ष माला से पांच माला मंत्र जाप करें:
मंत्र: “ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः।” - किसी एकांत भैरव मंदिर में जाकर सिंदूर और तेल से चोला चढ़ाएं। नारियल, पुए, जलेबी का भोग लगाएं और प्रसाद बाँटें।
- नीचे लिखे किसी भी मंत्र की 11 माला जप करें –
- ॐ कालभैरवाय नमः।
- ॐ भयहरणं च भैरवः।
- ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।
- ॐ भ्रां कालभैरवाय फट्।
- सुबह पूजा और शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाकर समस्याओं से मुक्ति की प्रार्थना करें।
- 21 बिल्वपत्रों पर “ॐ नमः शिवाय” लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं और एकमुखी रुद्राक्ष अर्पित करें।
- एक रोटी पर तेल से दो रेखाएं खींचकर दो रंग वाले कुत्ते को खिलाएं। यह क्रम रविवार, बुधवार और गुरुवार को करें।
- कर्ज मुक्ति हेतु मंत्र जप करें – “ॐ ऋणमुक्तेश्वराय नमः।”
- कालभैरव अष्टमी से एक दिन पहले उड़द के पकौड़े बनाकर रखें और अगले दिन सुबह कुत्तों को खिलाएं।
- सवा किलो जलेबी भैरवजी को चढ़ाकर गरीबों को बाँटें। पाँच नींबू और काला कंबल दान करें।
- सरसों के तेल में पकवान तलें और गरीबों में बाँटें। भैरव मंदिर में 33 अगरबत्तियाँ जलाएँ।
- सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा 11 रुपए, और सवा मीटर काले कपड़े की पोटली बनाकर मंदिर में चढ़ाएं।
- भगवान कालभैरव को इमरती का भोग लगाएँ और बाद में दान करें।
- किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल से अभिषेक करें, काले तिल अर्पित करें और “ॐ नमः शिवाय” का जप करें।
जन्मदिन विशेष (11 नवम्बर)
आज जिनका जन्मदिन है, उनका मूलांक 2 होता है, जिसका स्वामी चंद्र ग्रह है। आप भावुक, कोमल, संवेदनशील और दयालु स्वभाव के हैं। आपमें विनम्रता है, लेकिन मूड स्विंग की प्रवृत्ति रहती है। यदि आप धैर्य बनाए रखें तो बड़ी सफलताएँ प्राप्त कर सकते हैं।
शुभ दिनांक: 2, 11, 20, 29
शुभ अंक: 2, 11, 20, 29, 56, 65, 92
शुभ रंग: सफेद, हल्का नीला, सिल्वर ग्रे
शुभ वर्ष: 2027, 2029, 2036
ईष्ट देव: भगवान शिव एवं बटुक भैरव
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