ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्रा
ज्योतिषीय विवरण
- दिनांक: 06 दिसम्बर 2025
- वार: शनिवार
- विक्रम संवत: 2082
- शक संवत: 1947
- अयन: दक्षिणायन
- ऋतु: हेमंत
- मास: पौष
- पक्ष: कृष्ण
- तिथि: द्वितीया रात्रि 12:52 तक, तत्पश्चात तृतीया
- नक्षत्र: मृगशिरा प्रातः 11:51 तक, तत्पश्चात आर्द्रा
- योग: शुभ कल प्रातः 4:02 तक, तत्पश्चात शुक्ल
- राहुकाल: प्रातः 9:00 से 10:30 तक
- सूर्योदय: प्रातः 6:45
- सूर्यास्त: सायं 5:15
- दिशाशूल: पूर्व दिशा
व्रत–पर्व जानकारी
- विशेष: द्वितीया
संकष्ट चतुर्थी
- चन्द्रोदय: रात्रि 08:48
- शिवपुराणानुसार:
- कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को प्रातः गणेशजी का पूजन करना चाहिए।
- रात्रि में चन्द्रमा को गणपति का स्वरूप मानकर अर्घ्य दें।
- मंत्र:ॐ गं गणपते नमः।
- ॐ सोमाय नमः।
चतुर्थी तिथि विशेष
- चतुर्थी तिथि के अधिदेवता: भगवान गणेश
- हर मास में दो चतुर्थी:
- कृष्ण पक्ष: संकष्ट चतुर्थी
- शुक्ल पक्ष: विनायक चतुर्थी
शिवपुराण वचन
“महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके।
पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा॥”
अर्थ — कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर किए गए महागणपति के पूजन से पापों का नाश होता है और उत्तम फल की प्राप्ति होती है।
पुष्य नक्षत्र योग
- प्रारंभ: 08 दिसंबर, प्रातः 9:17
- समाप्त: 09 दिसंबर, प्रातः 8:30
- यह अवधि: रवि-पुष्य अमृत योग
पूजन एवं मंत्र
- ब्रहस्पति, विष्णु तथा अपने इष्टदेव का पूजन करें।
- 108 मोतियों की माला से जप करें।
- मंत्र: ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नमः।






















