ज्योतिष आचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्रा
शुभ विक्रम संवत – 2082 विश्वावसु
शालिवाहन शक संवत – 1947 सिद्धार्थी
कलि संवत – 5126
मास – मार्गशीर्ष
पक्ष – शुक्ल पक्ष
तिथि – नवमी, संध्या 5:40 बजे तक
दिन – शनिवार
नक्षत्र – पूर्वाभाद्रपदा, रात्रि 9:55 बजे तक
योग – वज्र, रात्रि 3:49 बजे तक
ऋतु – हेमंत
अयन – दक्षिणायन
सूर्योदय – सुबह 6:43 बजे
सूर्यास्त – शाम 5:17 बजे
राहुकाल – सुबह 9:00 से 10:30 बजे (अशुभ)
दिक्शूल – पूर्व, दक्षिण-पूर्व (अशुभ)
दिशा शूल निवारण: शनिवार को घर से निकलने से पहले घी-गुड़ का सेवन करना शुभ माना गया है।
विशेष: आज नवमी तिथि।
किस वृक्ष की पूजा से क्या लाभ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ विशिष्ट पेड़-पौधों की पूजा करने से कुंडली के दोष कम होते हैं और जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।
1. तुलसी
जिस घर में प्रतिदिन तुलसी की पूजा होती है, वहां माता लक्ष्मी का निवास बना रहता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
2. पीपल
पीपल की पूजा से शनि दोष दूर होता है और भगवान विष्णु की कृपा मिलती है।
3. नीम
नीम की पूजा करने से कुंडली के सभी दोष शांत होते हैं और रोगों से मुक्ति मिलती है। परिवार में शांति बनी रहती है।
4. बरगद
बरगद (वट वृक्ष) की पूजा से सौभाग्य अक्षय होता है और संतान संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
5. आंवला
आंवले की पूजा से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। धन लाभ और प्रत्येक क्षेत्र में सफलता मिलती है।
6. बिल्व
बिल्व के पत्ते भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं। इससे नौकरी में उन्नति और अकाल मृत्यु से रक्षा होती है।
7. अशोक
अशोक वृक्ष की पूजा से रोग और शोक दूर होते हैं और पारिवारिक जीवन सुखद बनता है।
8. केला
गुरु दोष से पीड़ित लोगों को केले के वृक्ष की पूजा लाभ देती है। इससे विवाह के योग भी जल्दी बनते हैं।
9. शमी
शमी वृक्ष की पूजा से शत्रुओं पर विजय मिलती है और न्यायालय संबंधी मामलों में सफलता मिलती है।
10. लाल चंदन
लाल चंदन की पूजा से सूर्य दोष दूर होता है और पदोन्नति (प्रमोशन) के योग बनते हैं।






















