ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र
दिनांक: 12 फरवरी 2025 (बुधवार)
विक्रम संवत: 2081
शक संवत: 1946
अयन: उत्तरायण
ऋतु: शिशिर ॠतु
मास: माघ
पक्ष: शुक्ल
तिथि: पूर्णिमा शाम 6:41 बजे तक, तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र: अश्लेशा (मूल नक्षत्र) शाम 07:10 बजे तक, तत्पश्चात मघा
योग: सौभाग्य (सुबह 08:01 बजे तक, तत्पश्चात शोभन)
राहुकाल: दोपहर 12:00 से 1:30 तक
सूर्योदय: प्रातः 6:27 बजे
सूर्यास्त: 5:33 बजे
दिशाशूल: उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण
आज माघी पूर्णिमा का व्रत है, जिसमें विशेष रूप से संयम से रहने, स्नान, व्रत, दान आदि का महत्व है। इस दिन पितरों का श्राद्ध और गरीबों को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से गौ दान का महत्व है।
विशेष
पूर्णिमा व्रत के दौरान विशेष रूप से ध्यान, संयम और धर्मिक आचरण करना चाहिए। इस दिन पितृदोष और कष्ट-बाधा से मुक्ति पाने के लिए शिव-गायत्री मंत्र का जाप करना लाभकारी है।
शिव-गायत्री मंत्र
“ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि | तन्नो रुद्र: प्रचोदयात् ||”
माघी पूर्णिमा की पूजा विधि
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा, पितरों का श्राद्ध, और विभिन्न दान (तिल, कंबल, फल, अन्न) करना चाहिए। संयमपूर्वक आचरण और विशेष रूप से गरीबों की मदद से पुण्य की प्राप्ति होती है।