ज्योतिष आचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र
दिनांक: 30 दिसम्बर 2024, सोमवार
विक्रम संवत: 2081
शक संवत: 1946
अयन: दक्षिणायन
ऋतु: शिशिर ऋतु
मास: पौष
पक्ष: कृष्ण
तिथि: अमावस्या (पूरा दिन और रात, 31 दिसम्बर प्रातः 04:00 तक, तत्पश्चात प्रतिपदा)
नक्षत्र: मूल (रात्रि 12:27 तक, तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा)
योग: वृद्धि (रात्रि 09:28 तक, तत्पश्चात ध्रुव)
राहुकाल: सुबह 7:30 से 9:00 तक
सूर्योदय: सुबह 6:40
सूर्यास्त: संध्या 5:13
दिशाशूल: पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण:
आज सोमवती अमावस्या है। इस दिन विशेष रूप से स्नान-दान का महत्त्व है। यदि मौन रहकर स्नान किया जाए तो हजार गौदान का फल मिलता है।
सोमवती अमावस्या के व्रत से संबंधित विशेषताएँ:
- इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन और 108 प्रदक्षिणा का विधान है। प्रदक्षिणा करते समय पीपल के वृक्ष को कच्चे सूत से लपेटते हुए 108 फल रखते हैं। बाद में इन फलों को भजन करने वाले ब्राह्मणों में वितरित करने से संतान चिरंजीवी होती है।
- तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता नष्ट होती है।
दरिद्रता निवारण के उपाय:
- सोमवती अमावस्या के दिन यदि 108 बार तुलसी की परिक्रमा की जाए, ओंकार का जाप किया जाए और सूर्य नारायण को अर्घ्य दिया जाए तो यह उपाय घर से दरिद्रता को समाप्त करता है।